पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (Paryavaran Sanrakshan Essay In Hindi)

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पर्यावरण संरक्षण पर निबंध
Hindi Essay on environmental protection
Paryavaran Sanrakshan par Nibandh
Essay on Save Environment in Hindi


🗣️ पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (Hindi Essay on environmental protection / Paryavaran Sanrakshan par Nibandh) पर यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखा गया है।


पर्यावरण संरक्षण पर निबंध प्रारूप १


परिचय 

अगर व्यक्ति अपने चारों और देखें तो उसके आसपास का वातावरण उसे काफी हद तक प्रभावित करता है। कुछ जगह का वातावरण बहुत ही अच्छा होता है और वहां फूल, पत्ती, पक्षी और अन्य प्राकृतिक स्रोतों की मदद से वहां का माहौल हमेशा सुखद बना रहता है। वहीं दूसरी तरफ ऐसा भी माहौल होता है जहां का वातावरण बहुत ही प्रदूषित होता है। वहां पर लोगों को रहने में समस्या होती है, लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। इसी के साथ पशु-पक्षियों का जीवन भी खतरे में होता है। लेकिन ऐसा होता क्यों है? इसका जवाब है पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान ना देना। पर्यावरण संरक्षण बहुत ज्यादा आवश्यक है। जब पर्यावरण साफ सुथरा और सुखद होता है तभी वहां पर लोगों और साथ ही पशु और पक्षियों का जीवन भी सुख दायक और आनंदमय होता है। अतः पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देने की अत्यंत आवश्यकता है।

पर्यावरण संरक्षण का अर्थ 

पर्यावरण संरक्षण से पहले यह जानने की आवश्यकता है कि पर्यावरण क्या होता है। सीधे शब्दों में कहें तो हमारे आसपास जो कुछ भी है यह सब पर्यावरण ही है। अर्थात हम आसपास जो भी फूल, पत्ती, पेड़, पशु, पक्षी, जानवर, छोटे जीव-जंतु आदि देखते हैं यह सब पर्यावरण के ही भाग हैं। हमारे पर्यावरण में कई प्रकार की ऐसी गैसें पाई जाती हैं जिनसे पर्यावरण को हानि हो रही है। हानि को रोकने व उसके बचाव के लिए किए गए सभी कार्यों को हम पर्यावरण संरक्षण के अंतर्गत मान सकते हैं। हमें जीने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है जो कि हमें पेड़-पौधों से मिलती है और अगर पेड़ पौधों को किसी भी प्रकार की हानि होती है तो कहीं ना कहीं मानव जाति अपनी हानि कर रहा है। इसीलिए मनुष्य का जीवन बचाने के लिए पेड़-पौधों की रक्षा करना पर्यावरण संरक्षण के अंतर्गत आता है। इसी तरह किसी भी प्राकृतिक स्रोत की रक्षा करना पर्यावरण संरक्षण कहलाता है। अतः यह हम सभी का फर्ज बनता है कि हम अपने पर्यावरण की सुरक्षा करें।

पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता

पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता क्यों है, यह सवाल ठीक उसी प्रकार प्रतीत होता है कि मनुष्य को खाने की आवश्यकता क्यों है। फिर भी अगर हम पर्यावरण संरक्षण के आवश्यकता की बात करें तो अनेक कारण निकल कर आ जाएंगे । जैसे कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली मुख्य गैसों में से सबसे खतरनाक गैस क्लोरोफ्लोरोकार्बन है, जो हमारी पृथ्वी को गर्म करती जा रही है। इसके कारण ठंडे प्रदेशों जैसे अंटार्कटिका जो कि पूर्णतया बर्फ से घिरा हुआ है, वहाँ पर हर साल कई प्रतिशत बर्फ पिघल कर समंदर में मिल जाती है, जिसके कारण वहां के जीव-जंतुओं की हानि हो रही है और समुद्र के जल स्तर पर दिन-ब-दिन बढ़ोतरी होती जा रही है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में यही पृथ्वी के विनाश का कारण बन सकती है। पर्यावरण को संरक्षित ना किया गया तो हमारी फसलें, जीव जंतु और मानव जाति ये सभी बुरी तरह प्रभावित होते हैं। हालांकि नई-नई तकनीकें और एडवांस गाड़ियों का अविष्कार ये सब विकास के प्रतीक हैं लेकिन वर्तमान में यही अत्याधुनिक तकनीक और और गाड़ी कहीं न कहीं पर्यावरण के लिये खतरा साबित होती जा रही। गाड़ी-मोटर से निकलने वाला धुंआ, फैक्टरियों और कम्पनियों से निकलने वाले हानिकारक कण ये सभी पर्यावरण के लिए शाप के समान हैं। अतः यह बहुत ही आवश्यक है कि पर्यावरण की सुरक्षा की जाए अन्यथा पूरी मानव जाति खतरे में पड़ सकती है

पर्यावरण संरक्षण के उपाय

जब कोई समस्या होती है तो उसका उपाय भी होता है इसी तरह निश्चित ही पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी कुछ जरूरी उपाय हैं जिन्हें अगर गंभीर तरीके से अपनाया जाए तो अपने पर्यावरण को बिल्कुल साफ-सुथरा और सुरक्षित रखा जा सकता है-

★ सभी लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए क्योंकि पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं और पर्यावरण को मजबूत बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसीलिए हर छोटे-बड़े व्यक्ति को कम से कम एक पौधा लगाने की शपथ जरूर लेनी चाहिए।

★ पिछले कुछ समय में ईंधन वाली गाड़ियों का ज्यादा उपयोग होने से भी पर्यावरण को काफी हानि हुई है। इसलिए लोगों को केवल जरूरत के समय ही गाड़ियों का इस्तेमाल करना चाहिए और हो सके तो ज्यादा से ज्यादा साइकिल का प्रयोग करना चाहिए, ताकि पर्यावरण प्रभावित ना हो।

★ स्कूलों और कॉलेजों में भी बच्चों को पर्यावरण से संबंधित ज्यादा से ज्यादा जानकारी देनी चाहिए और उन्हें इसकी महत्ता को समझाना चाहिए। इससे वो भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हो सकेंगे।

★ छोटे और बड़े स्तर पर पर्यावरण संरक्षण से संबंधित अभियान चलाने चाहिए और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना चाहिए।

★ पेड़ों की कटाई पर कठोर नीति के द्वारा रोक लगाई जानी चाहिए क्योंकि पेड़ों की कटाई पर्यावरण को बहुत प्रभावित करती है। इसीलिए इसके लिए सख्त कानून होने चाहिए आदि। 

इन सभी प्रकारों से और सरकार के द्वारा लगाए गए सख्त कानूनों से हम पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सफल हो सकते हैं।

पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार के कदम

पर्यावरण संरक्षण के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कदम उठाए गए हैं जैसे 1972 के स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में लोगों को जीव जंतुओं और पेड़ पौधों से संबंधित जानकारी दी गई थी और उन्हें इसकी महत्ता समझाते हुए पर्यावरण विभाग के गठन की सलाह दी गयी। इसके लिए UNEP ( United Nations Environment Programme ) का गठन किया गया जिसका उद्देश्य विकासशील देशों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानकारी देना और उसे सुरक्षित रखने के लिए सुविधा मुहैया कराना था। इसके अलावा भारत में भी 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया और वायु प्रदूषण से संबंधित कानून बनाएंगे। इसी तरह और भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण कदम उठाए गए और अच्छी बात यह है कि इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सरकारों को इसी तरह और भी कई प्रयास करते रहना चाहिए ताकि पर्यावरण को पूरी तरह सुरक्षित किया जा सके।

उपसंहार

हमारा जीवन पर्यावरण से ही है। अगर पर्यावरण साफ-सुथरा रहेगा तो मानव जाति भी स्वस्थ तरीके से जीवन जी सकेगी। पर्यावरण संरक्षण की समस्या सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं की सूची में आती है इसीलिए इसे अनदेखा करना बहुत हानिकारक हो सकता है। इसके संबंध में कई सारे नियम और कानून बनाए गए लेकिन अभी पर्यावरण संरक्षण के लिए और ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता है,ताकि सारी तकनीकों और प्रयासों से वातावरण को सुरक्षित और साफ सुथरा बनाया जा सके। अतः यह सभी का कर्तव्य बनता है कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अपनी तरफ से प्रयास करें, परिणाम के रूप में निश्चित ही इस समस्या को जड़ से खतम किया जा सकता है।


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पर्यावरण संरक्षण पर निबंध प्रारूप २

दिसम्बर 30, 2021 by Wasif Jauhar


🌳 पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (Paryavaran Sanrakshan Essay In Hindi) पर यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

पर्यावरण यानि हमारे चारों ओर का वातावरण, जिसमें, पेड़-पौधे, जानवर, वनस्पति आदि होते हैं। एक स्वच्छ और हरा-भरा पर्यावरण हमारे स्वस्थ जीवन का आधार होता है। लेकिन आजकल लोग बिना सोचे समझे पर्यावरण को नष्ट कर रहे हैं, इसे प्रदूषित कर रहे हैं। लोगों को यह पता नहीं होता कि एक अच्छे जीवन के लिए एक साफ-सुथरा हरा भरा पर्यावरण बहुत आवश्यक है। और इसके लिए पर्यावरण संरक्षण करके ही हम अपने पर्यावरण को नष्ट और प्रदूषित होने से बचा सकते हैं।

पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए हमें केवल कुछ बातों का ही ध्यान रखना होगा। जैसे – अधिक से अधिक पेड़ लगाना, पेड़-पौधों की अधाधुंध कटाई रोकना, इधर-उधर कचरा न करना आदि पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकता है। पर्यावरण किस तरह हमारे लिए महत्वपूर्ण है और कैसे हम इसको नष्ट होने से बचा सकते हैं, इन सबके बारे में हम इस पोस्ट में जानेंगे। इसलिए इस पर्यावरण संरक्षण पर निबंध को अंत तक ज़रूर पढ़ें।

प्रस्तावना (Introduction) –

यदि बात करें पर्यावरण की तो ईश्वर ने हमारे लिए सुंदर सुंदर पेड़ पौधे, फूल, नदी, पहाड़, तालाब, जीव-जंतु, पक्षी, और अन्य बहुत सी अद्भुत चीज़ें बनाई हैं, जो हमारे पर्यावरण की सुंदरता को बढ़ाते हैं और हमारे जीवन के लिए आवश्यक हैं। लेकिन मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए पर्यावरण को नष्ट कर रहा है। अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऐसी-ऐसी चीज़ों का अविष्कार कर रहा है, जो हमारे पर्यावरण को प्रदूषित कर रही हैं। यदि मानव ने ऐसा करना बंद नहीं किया और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाला समय हम सबके लिए बहुत कठिन होगा। 

हो सकता है कि पृथ्वी पर जीवन ही न बच पाए। क्योंकि मानव ने पर्यावरण को इतना ज़्यादा प्रदूषित कर दिया है कि उसमें सांस लेना ही मुश्किल हो रहा है। तो आगे क्या होगा किसी को नहीं पता। इसलिए हम सबको मिलकर अपने पर्यावरण को बचाना होगा।

पर्यावरण का अर्थ क्या है (What is the Meaning of Environment in Hindi)?

पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बनाया गया है। “परि” एवं “आवरण”। परि शब्द का मतलब होता है जो चीज़ हमारे चारो तरफ स्थित है और आवरण का अर्थ है जो चीज़ हम सबको चारो तरफ से घेरे हुए है। यानि पर्यावरण का अर्थ होता है, वह चीज़ जो हमें चारो तरफ से घेरे हुए है।

यदि दूसरे शब्दों में कहें तो पर्यावरण हमारे आस-पास के वातावरण हैं, जिनमें हम जन्म से लेकर मृत्यु तक रहते हैं। जैसे – पेड़-पौधे, पहाड़, नदी, तालाब, मिट्टी, वायु, वन, मैदान आदि। अर्थात् जो भी प्राकृतिक चीज़ें हमें चारों ओर से घेरे हुए हैं, वही पर्यावरण हैं।

पर्यावरण संरक्षण क्या है (What is Environmental Protection)?

पर्यावरण मतलब जिन चीज़ों के बीच हम रहते हैं और संरक्षण का अर्थ होता है ‘सुरक्षित’। अर्थात् जिन चीज़ों से हम घिरे हुए हैं, उन्हें सुरक्षित रखना, उन्हें नष्ट होने से रोकना, उनका गलत तरीके से इस्तेमाल न करना पर्यावरण संरक्षण होता है।

पर्यावरण संरक्षण क्यों आवश्यक है (Why Environmental Protection is Necessary)?

यदि हमारा पर्यावरण प्रदूषित होता है तो उससे अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं। इसके अलावा अनेक प्रकार की समस्याएं भी हमें झेलनी पड़ती हैं। जैसे – वायु-प्रदूषण से सांस लेने में कठिनाई व घुटन होती है। जल प्रदूषण से अनेक प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। इसी तरह अन्य प्रकार के प्रदूषण भी मनुष्य के लिए हानिकारक होते हैं। इसके अलावा आजकल जो कोरोना जैसी खतरनाक महामारी ने हमें बर्बाद करके रखा है, यह भी पर्यावरण प्रदूषण का ही एक हिस्सा है। 

इसलिए यदि हम अपने आपको भविष्य में आने वाली कठिनाइयों से बचाना चाहते हैं और कोरोना जैसी अन्य महामारी और बीमारियों से खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो हमें पर्यावरण को संरक्षित रखना आवश्यक है।

पर्यावरण प्रदूषण के कारण (Cause of Environmental Pollution in Hindi) –

पर्यावरण प्रदूषण एक ऐसी समस्या है, जिसका ज़िम्मेदार केवल मनुष्य ही है। ईश्वर ने हमें एक साफ-सुथरा, सुंदर व हरा-भरा रहने योग्य पर्यावरण दिया और इंसानों ने ही उसे अपने फायदे और मतलब के लिए प्रदूषित कर दिया। आइए नीचे जानते हैं कि पर्यावरण किन-किन कारणों से प्रदूषित होता है, जिनमें इंसानों का हाथ है –

(1) वनों का नष्ट होना (Destruction of Forests) –

पर्यावरण प्रदूषण का सबसे पहला और मुख्य कारण जो है, वह वनों की बहुत अधिक कटाई है। लोग वनों को नष्ट करके वहां पर उद्योग लगा रहे हैं, जो कि पर्यावरण को प्रदूषित करने में अपनी मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा वायु-प्रदूषण को कम करने में भी वनों का बहुत बड़ा योगदान होता है। वहीं प्रकाश संश्लेषण के द्वारा वन दुनिया के लोगों की आवश्यकताओं को भी पूरा करते हैं। जैसे – लकड़ी, ईधन, संश्लेषित धागों के लिए कच्चा माल आदि की सप्लाई। 

(2) जनसंख्या में वृद्धि के कारण (Due to Increase in Population) –

पर्यावरण प्रदूषण का दूसरा कारण जनसंख्या वृद्धि है। अधिक आबादी के कारण लोग कचरा ज्यादा करते हैं। रहने के लिए लोगों को निवास स्थान के रूप में घर चाहिए, इसलिए वो वनों की कटाई करते हैं। इसके अलावा अधिक जनसंख्या होने पर लोग नदियों और तालाबों को भी गंदा करते हैं।

(3) अशिक्षा एवं गरीबी (Illiteracy and Poverty) –

हमारे देश में अशिक्षित और गरीब लोग ज़्यादा हैं, जिनका पर्यावरण प्रदूषित करने में भी कुछ हद तक हाथ है। ज्यादातर अशिक्षित व गरीब लोग गांव में ही रहते हैं, जो अपने जीवनयापन के लिए ईधन के रूप में जंगलों की कटाई करते हैं। इसके अलावा अशिक्षित व्यक्ति जनसंख्या पर नियंत्रण करने में भी पीछे रहता है। 

(4) परिवहन में बढ़ोत्तरी (Increase in Transportation) –

आजकल अधिकतर लोग अपनी सुविधा के लिए ज़्यादा से ज़्यादा परिवहन का इस्तेमाल करते हैं, जो कि पर्यावरण को प्रदूषित करने में अपनी अहम भूमिका निभाता है।

(5) विभिन्न प्रकार की गैसें (Different Types of Gases) –

कारखानों से निकलने वाला विभिन्न प्रकार का धुआं व गैसें भी पर्यावरण को प्रदूषित करती हैं। इसके अलावा अलग अलग तरह के अविष्कार से निकलने वाली जहरीली गैसें भी हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करती हैं।

(6) अन्य कारण (Other Reason) –

पर्यावरण प्रदूषण के अन्य कई कारण भी हैं, जैसे – उर्वरक एवं कीटनाशकों को अत्याधिक इस्तेमाल, विशाल सिंचाई, तीर्व व कर्कश ध्वनि, आधुनिक तकनीकों का तेज़ी से विस्तार इत्यादि।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय (Environmental Protection Measures) –

• वनों की अंधाधुंध कटाई पर सरकार और जनता दोनों को मिलकर रोक लगानी चाहिए। इसके अलावा पेड़ों की लकड़ियों से बने सामान का उपयोग कम मात्रा में करना चाहिए, जैसे – कागज़, लकड़ी के फर्नीचर इत्यादि।

• जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए। इसके अलावा शिक्षा को बढ़ावा देकर भी जनसंख्या में हो रही वृद्धि को कम किया जा सकता है।

• अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। हो सके तो अपने घर की छत, आंगन और यहां तक कि लोगों को बर्थडे व शादी के गिफ्ट में भी पौधे दें।

• यदि कहीं पैदल जा रहे हैं तो बाइक या कार का इस्तेमाल न करके पैदल या साइकिल से जाएं। इससे आप धुएं वाले परिवहन का प्रयोग न करके वायु प्रदूषण को रोक सकते हैं।

• आधुनिक तकनीक का प्रयोग कम से कम करें। इसके अलावा बल्ब कि बजाए सीएफएल या एलईडी बल्ब का प्रयोग करें।

• पानी और बिजली की बर्बादी न करें। इसके अलावा प्लास्टिक का प्रयोग न करके शीशे व कपड़े की बनी चीजें इस्तेमाल करें।

• खुद की प्राइवेट गाड़ी कि बजाए ट्रेन, बस या मेट्रो का प्रयोग करें।

निष्कर्ष (Conclusion) –

हम जिस पर्यावरण में रहते हैं, उसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। यदि हमने ऐसा नहीं किया तो इसका दुष्प्रभाव हम सबको ही झेलना पड़ेगा। भविष्य में हमें और हमारी आने वाली पीढ़ी को जल, वायु, निवास स्थान आदि सभी चीज़ों के लिए तरसना पड़ सकता है। इसलिए हम सबको पर्यावरण संरक्षित करने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे।


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इस तरह “पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (Hindi Essay on environmental protection / Paryavaran Sanrakshan par Nibandh)” यहीं पूरा होता है। हमने अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए पूरी कोशिश की है कि इस हिंदी निबंध में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना हो। फिर भी यदि आप को इस निबंध में कोई गलती दिखती है तो आप अपना बहुमूल्य सुझाव ईमेल के द्वारा दे सकते है। ताकि हम आपको निरन्तर बिना किसी त्रुटि के लेख प्रस्तुत कर सकें।

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