Essay on Mere Jeevan ka Lakshya | मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

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👀 मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay on Mere Jeevan ka Lakshya in Hindi / Essay on Goal of My Life in hindi) आप को अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए निबंध लिखने में सहायता कर सकता है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयों पर हिंदी में निबंध मिलेंगे (👉 निबंध सूचकांक), जिन्हे आप पढ़ सकते है, तथा आप उन सब विषयों पर अपना निबंध लिख कर साझा कर सकते हैं। मेरे जीवन का लक्ष्य की अवधारणा को और जानने के लिए, जीवन के उद्देश्य को समझने के तरीके के रूप में लक्ष्य निर्धारण के दार्शनिक निहितार्थों का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है।

अंतत: मनुष्य यह पहचानने की सहज क्षमता से लैस है कि हमारे जीवन में क्या मूल्य लाता है, और यह प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर है कि वे अपने स्वयं के लक्ष्यों को उन मूल्यों के आधार पर निर्धारित करें जो उन्हें सार्थक लगते हैं। सामाजिक उम्मीदों और मानदंडों का कड़ाई से पालन करने से जीवन के प्रति उदासीनता, अप्रसन्नता और असंतोष पैदा हो सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को आंतरिक रूप से प्रतिबिंबित करने के लिए समय निकालना चाहिए ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि उन्हें क्या खुशी मिलती है और उनके जीवन के लिए उचित लक्ष्यों के साथ आना चाहिए।

 Essay on Mere Jeevan ka Lakshya | मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध
Essay on Mere Jeevan ka Lakshya | मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध
Essay on Mere Jeevan ka Lakshya
Essay on Goal of My Life


🗣️ मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on Mere Jeevan ka Lakshya in Hindi / Essay on Goal of My Life in hindi) पर यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखा गया है।

परिचय

जीवन का लक्ष्य क्या होता है पहले यही समझना बहुत जरूरी है। वर्तमान में बहुत से लोगों को ज्ञान ही नहीं है कि आखिर लक्ष्य का सही मतलब क्या होता है। जब व्यक्ति किसी चीज़ की ओर आकर्षित होता है और उसे हासिल करने के लिए वो अपना पूरा जीवन समर्पित करने को तैयार हो जाता है, उसके लिए हर वो रास्ता ढूढ़ता है जिससे उसे प्राप्त कर सके, हर वह कठिन प्रयास करता है जो वह वास्तव में नहीं कर सकता है तो वह “चीज़” उसके लिए जीवन का लक्ष्य के समान हो जाती है।

यह चीज़ अर्थात यह “लक्ष्य” कुछ भी हो सकता है।  जरूरी नहीं है कि लक्ष्य मात्र एक ही हो, बल्कि कई हो सकते हैं। कुछ स्थायी लक्ष्य तो कुछ अस्थायी लक्ष्य। अस्थायी लक्ष्य वो होते हैं जिन्हें हासिल करने के लिए व्यक्ति मेहनत करता है लेकिन अगर किसी कारणवश उसे वो लक्ष्य प्राप्त नहीं होता है तो वह इतना ज्यादा निराश नहीं होता। वहीं दूसरी तरफ स्थायी लक्ष्य वह होता जिसके बाद व्यक्ति का हर एक कदम केवल उसी लक्ष्य की ओर बढ़ रहा होता है और अगर वो हसे हासिल ना हुआ तो उसके जीवन में निराशा छा जाती है।

और यहाँ हम बात कर रहे हैं जीवन के स्थायी लक्ष्य की जिसके लिए व्यक्ति जी जान लगा देता है। मैं निश्चित ही कह सकता हूँ कि चाहे स्थायी या अस्थायी लेकिन अभी आपका भी कोई ना कोई लक्ष्य जरूर होगा, जिसके लिए आप मेहनत कर रहे होंगे। 

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on Mere Jeevan ka Lakshya ) – मेरे जीवन का लक्ष्य

हर किसी के जीवन का कुछ ना कुछ लक्ष्य जरूर होता है, किसी का छोटा लक्ष्य तो किसी का बड़ा लक्ष्य, उसी तरह मेरे भी जीवन का एक लक्ष्य है। मेरे जीवन का लक्ष्य बड़ा होकर एक आईपीएस ऑफिसर बनना है। बचपन में समाज में ऑफिसरों का अच्छा काम देखकर मेरे भी मन मे जिज्ञासा हुई कि मेरे अंदर भी वो काबिलियत है कि मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता हूँ।

समाज में आज भी बहुत सारे अत्याचार देखने को मिलते हैं, आज भी उन लोगों पर बेवजह अत्याचार किया जाता है जो कुछ करने में असमर्थ हैं। मेरी यह लालसा है कि आईपीएस ऑफिसर बन कर इन सारी कुरीतियों और अत्याचारों को खत्म कर सकता हूं और समाज की सेवा में अपना छोटा सा योगदान दे सकता हूं।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on Mere Jeevan ka Lakshya ) – मेरे जीवन में लक्ष्य का महत्व

मेरे ही नहीं बल्कि हर किसी के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। मेरा ऐसा मानना है कि अगर व्यक्ति के जीवन में कोई लक्ष्य नहीं होता है तो वह व्यक्ति पानी में एक पतवार के समान होता है, जो केवल चलता जाता है लेकिन कभी भी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता। मेरे जीवन में लक्ष्य का बहुत ज्यादा महत्व है क्योंकि एक लक्ष्य ही है जो मुझे निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहता है ।

जैसे एक अच्छे खिलाड़ी का लक्ष्य मैच जीतना होता है, एक अच्छे शिकारी का लक्ष्य सही तरीके से शिकार करना होता है और यही सारी चीजें उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं, ठीक उसी प्रकार मैं भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में प्रयत्नरत रहता हूं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करता हूं।

मेरे गुरु कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में कोई लक्ष्य निर्धारित करता है और उसकी ओर बढ़ना शुरू करता है तो वह केवल लक्ष्य की ओर ही नहीं बढ़ रहा होता है बल्कि अपने जीवन को विकास और प्रगति की ओर भी ले जा रहा होता है। इसीलिए जीवन में लक्ष्य जरूर होना चाहिए। इसी चीज का अनुसरण करते हुए मैंने भी अपने जीवन में एक लक्ष्य बनाया और उसे प्राप्त करने के लिए निरंतर कड़ी मेहनत करने की शपथ ली। 

प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरःकर्तुमिच्छति।

सर्वारंभेणतत्कार्यमसिंहादेकंप्रचक्षते।।

अर्थात जिस तरह शेर पूरी ताकत के साथ झपट्टा मारकर अपना शिकार करने में सफल होता है, ठीक उसी प्रकार व्यक्ति को दृढ़ निश्चय के साथ अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। इसीलिए मेरा मानना है की जिस प्रकार मैं अपने लक्ष्य के लिए निरंतर लगा रहता हूं उसी प्रकार सभी लोगों को अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on Mere Jeevan ka Lakshya ) – मेरे जीवन के लक्ष्य में बाधाएँ

जब एक छोटी चींटी एक चीनी का टुकड़ा लेकर अपने बिल की ओर बढ़ती है तो निश्चित ही उसके सामने कई प्रकार के कीड़े मकोड़े पड़ते हैं जो उसे रोकने की कोशिश करते हैं लेकिन फिर भी वह संघर्ष करते अपने बिल तक पहुंच ही जाती है। इस पंक्ति से मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है। मैं अपने लक्ष्य में आने वाली बाधाओं से तनिक भी भयभीत नहीं होता हूं क्योंकि यह बाधाएं ही हैं जो मुझे दुनिया की कठिनाइयों और संघर्षों से लड़ना सिखाती हैं ।

यह सत्य है कि भगवान श्रीराम को भी माता सीता को सुरक्षित वापस लाने के लिए एक बड़ा सागर पार करना पड़ा था और मैं तो मनुष्य ही हूं । अतः मुझे मालूम है कि मेरे मंजिल के रास्ते में भी बहुत मुसीबतें आएंगी लेकिन मुझे यह भी पता है की मैं उन सब मुसीबतों को पार करता हुआ एक दिन अपना आईपीएस ऑफिसर बनने का लक्ष्य जरूर प्राप्त कर लूंगा। 

निष्कर्ष

जैसे-जैसे हम समय के साथ बढ़ते हैं, वैसे-वैसे हमारे लक्ष्य अक्सर विकसित या रूपांतरित होते जाते हैं। हो सकता है कि हमारी युवावस्था में जो हमारे लिए महत्वपूर्ण रहा हो, वह बाद में जीवन में उतना सार्थक न लगे। हम अपने अनुभवों पर चिंतन कर सकते हैं और उन्हें बेहतर ढंग से समझने के लिए उपयोग कर सकते हैं कि क्यों कुछ लक्ष्यों को समय के कुछ बिंदुओं पर वांछनीय लग रहा था, और कैसे अन्य मूल्यों या रुचियों ने हमारे पुराने होने के स्थान पर पूर्वता ले ली थी।

हम लगातार बढ़ रहे हैं और परिपक्व हो रहे हैं और इसलिए हमारे लक्ष्य भी होने चाहिए। बिना लक्ष्य के जीवन निरर्थक है और उसके बिना जीवन में आगे नहीं बढ़ा जा सकता है। अतः यह बहुत आवश्यक है कि हर किसी के जीवन में कोई ना कोई लक्ष्य जरूर हो जो उसे विकास करने के लिए प्रेरित करता हो। आशा करता हूँ कि आप भी अपने बड़े और गुरुओं से आशीर्वाद लेकर अपने जीवन के लक्ष्य को जल्द की प्राप्त करेंगे।

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मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on Mere Jeevan ka Lakshya )

अतीत से वांछित लक्ष्यों और उपलब्धियों पर चिंतन करना हमारी दिशा को आगे बढ़ाने में एक उपयोगी उपकरण हो सकता है। हमने जिन सफलताओं और असफलताओं का अनुभव किया है, उन पर पीछे मुड़कर देखने से, हम उन बातों को परिष्कृत करने के लिए काम कर सकते हैं जो हमें इन लक्ष्यों की ओर ले गईं, साथ ही उन क्षेत्रों की पहचान भी कर सकती हैं जहां और सुधार किए जा सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि लक्ष्यों और मूल्यों को समय के साथ बदलने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि हमारी परिस्थितियाँ बदलती हैं, और यह कि उन्हें हमारे होने की वर्तमान स्थिति को प्रतिबिंबित करना चाहिए। अब तक की अपनी यात्रा को समझकर, हम इसका उपयोग भविष्य के निर्णयों को सूचित करने के लिए कर सकते हैं, जीवन पर एक ताज़ा दृष्टिकोण के साथ खुद को सशक्त बना सकते हैं।

विनम्र अनुरोध:

इस तरह “मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (Essay on Mere Jeevan ka Lakshya in Hindi / Essay on Goal of My Life in hindi) ” यहीं पूरा होता है। हमने अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए पूरी कोशिश की है कि इस हिंदी निबंध में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना हो। फिर भी यदि आप को इस निबंध में कोई गलती दिखती है तो आप अपना बहुमूल्य सुझाव ईमेल के द्वारा दे सकते है। ताकि हम आपको निरन्तर बिना किसी त्रुटि के लेख प्रस्तुत कर सकें।

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