Essay on Tsunami in Hindi | सुनामी पर निबंध 

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Essay on Tsunami in Hindi
सुनामी पर निबंध 

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Essay on tsunami in hindi | सुनामी पर निबंध 
Essay on tsunami in hindi | सुनामी पर निबंध 

प्रस्तावना :

वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी के इतने विकसित होने के बावजूद प्राकृतिक आपदाओं से बचने या उसे रोकने के तरीके काफी कम हैं। किसी भी प्राकृतिक आपदाओं में सुनामी का नाम भी शामिल है। इस आर्टिकल में हम सुनामी पर निबंध (Essay on Tsunami in Hindi) पर ही बात करेंगे और Tsunami essay in hindi के ज़रिए हम सुनामी के बारे में और जानेंगे। सुनामी एक ऐसी समस्या है जिस कारण लोगों को ना केवल परेशानियां होती हैं बल्कि कई बार उनसे उनका घर और परिवार भी छिन जाता है। समुद्र में तेज लहरों के तूफान को सुनामी कहा जाता है।

सुनामी सागर में आए तूफान या सागर के तल में हुए भयानक हलचल के कारण पैदा होती हैं। सुनामी की तेज लहरें अपने आसपास की जगहों और वहां मौजूद सब कुछ तबाह कर सकते हैं। Essay on Tsunami in Hindi के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

सुनामी के कारण :

Sunami aane ke karan – समुद्र की गहराइयों में होने वाली हलचल से सुनामी का जन्म होता है। इसके अलावा महासागरों में आए भूकंप भी सुनामी के कारण बनते हैं। कभी-कभी ज्वालामुखी के उत्पन्न होने और भूस्खलन के कारण पानी में होने वाली खतरनाक बदलाव समुद्री लहरों की तरंगों की एक भयंकर श्रृंखला पैदा करती है। इसके कारण जल प्रलय या तटीय क्षेत्रों में सुनामी आती है। सुनामी एक खतरनाक और प्राकृतिक आपदा है जो समुद्र की गहराइयों में मौजूद प्लेटो को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से खींचती है। इसके कारण भयानक और तेज लहरें पैदा होती हैं। सुनामी जैसी आपदा पर्यावरण में आए बदलाव के कारण भी होते हैं। 

सुनामी का प्रभाव :

सुनामी से तटीय क्षेत्रों को भयंकर नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा उसके आसपास की जगहों पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। सुनामी के कारण लोगों की जान, उनकी संपत्ति, घर और परिवार का नुकसान देखा जाता है। इससे देश और विश्व के आकार एवं उनकी स्थिति में भी बदलाव आ जाते हैं। सुनामी के कारण पृथ्वी में हुए बदलाव के कारण उसके घूर्णन गति में भी वृद्धि हो गई है। सुनामी के कारण समुद्र का खारा पानी तटीय क्षेत्र में मौजूद मिट्टी में चला जाता है। इसके कारण मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी खत्म होने लगती है।

सुनामी से संबंधित आंकड़े :

Sunami essay hindi me – सुनामी एक भयंकर प्राकृतिक जल प्रलय है। आज तक न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई क्षेत्रों में भयानक सुनामी आई है। इसके कारण लाखों करोड़ों लोगों ने अपना सब कुछ खो दिया है। सुनामी के आंकड़ों के मुताबिक 9 जुलाई 1958 में अलास्का में आई सुनामी आज तक की सबसे भयानक सुनामी मानी जाती है। अलास्का के लिगुआ खाड़ी में एक खतरनाक भूकंप के कारण लगभग 524 मीटर की समुद्री लहरें उठी थीं। इसके कारण वहां काफी विनाश हुआ था।

साल 2004 में भारत में भी ऐसी ही खतरनाक सुनामी आई थी। इसका केंद्र इंडोनेशिया था। श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, मालदीव के साथ साथ भारत जैसे देशों के समुद्री इलाकों को बर्बाद करते हुए इस सुनामी ने लगभग दो लाख लोगों की जान ले ली थी। इन दो भयंकर सुनामी के अलावा कई और देशों में भी ऐसी सुनामी आई हैं। 

इंग्लैंड के ब्रिस्टल चैनल में साल 1607 में आई सुनामी के कारण हजारों लोग जल में डूब गए थे। साल 1896 में जापान की सानरीकू गाँव में भी सुनामी आई थी। इसके कारण लगभग 26,000 लोग उस भयानक सुनामी में बह गए थे। इससे सानरीकू गाँव भी पूरी तरह से खत्म हो गया। बलूचिस्तान के मेकरान कोस्ट में भी साल 1945 में एक खतरनाक सुनामी आई थी।

इसके अलावा साल 1524 में महाराष्ट्र और साल 1762 में म्यामांर के अराकान कोस्ट में भयंकर सुनामी आई। इसके बाद साल 1819 में गुजरात की रण ऑफ कच्छ में खतरनाक सुनामी का सामना किया गया। साल 1881 में निकोबार द्वीप और साल 1976 में फिलीपींस जैसे जगहों में भी लाखों लोग सुनामी से प्रभावित हुए।

सुनामी से बचने के लिए किए जाने वाले प्रयास :

Sunami hindi Essay – सुनामी जैसे आपदा से बचने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जाने चाहिए। सुनामी को रोकने का कोई भी प्रभावशाली तरीका आज तक नहीं पाया गया है। वहीं उसके आने की जानकारी मिलना काफी आसान हो गया है। इसके कारण सुनामी से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। सुनामी से बचने के लिए निम्नलिखित प्रयास किए जा सकते हैं –

• जो लोग तटीय भागों में रहते हैं उन्हें सुनामी चेतावनी यंत्र पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही सुनामी से जुड़ी भविष्यवाणी या उसके खबरों की जानकारी रखनी चाहिए।

• सुनामी के आने का कोई निश्चित समय नहीं होता है। भले ही मनुष्य को पता न चले लेकिन पशु पक्षी को इस बात का अंदाजा हो जाता है। इसलिए पशु पक्षियों के गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। पशु पक्षियों का अपनी जगह छोड़ना, मनुष्य के पास आकर आश्रय लेना या फिर अजीबोगरीब हरकतें करना इसके इशारे हो सकते हैं।

• सुनामी के प्रभाव से अगर पूरा क्षेत्र डूब रहा है तो 30 मीटर ऊंचे किसी क्षेत्र या पहाड़ी पर चले जाना चाहिए।

• इसके अलावा सुनामी के समय जल में तैरने वाली चीज को पकड़ लेना चाहिए।

• समुद्र के तटवर्ती इलाकों में बस्तियों को समुद्र तटीय क्षेत्रों से दूर और ऊंचे जगहों पर बसाने चाहिए।

• सुनामी से संबंधित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बचाव दल, एंबुलेंस, चिकित्सक आदि के कांटेक्ट नंबर याद रहने चाहिए। इसे जरूरत के समय तुरंत मदद मिल जाती है।

• सुनामी के समय टेलिफोन लाइन और धातु के पाइप में इलेक्ट्रिसिटी का संचार हो सकता है। सुनामी की आशंका होने पर प्लग से बिजली के तार अलग कर देना चाहिए।

उपसंहार

आज भी कई क्षेत्रों में सुनामी (Essay on Tsunami in Hindi) की आशंका बनी रहती है। यह गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि सरकार भी इस मामले में पीछे नहीं हटती। जिन क्षेत्रों में सुनामी की आशंका होती है, वहां सरकार अक्सर उपाय करती रहती है। इसके साथ ही हमारा भी काम है कि सुनामी के होने वाले कारणों के बारे में जानें। यदि हम सुनामी के कारण समझ जाएंगे तो सुनामी से होने वाले नुकसान (sunami se hone wale nuksan) को कम कर पाएंगे।

सुनामी आने के कई प्राकृतिक कारण मौजूद हैं, जिनका हम कुछ नहीं कर सकते। लेकिन अपनी तरफ से किए जाने वाले प्रयास काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। इसके अलावा जो क्षेत्र सुनामी से ग्रसित हो गए हैं, उन्हें फिर से बसाने में हम मदद कर सकते हैं। सुनामी के बाद लोगों को भोजन, दवाइयों आदि की जरूरत पड़ती है। ऐसे समय में यदि हम उनकी मदद करें और अपनी तरफ से कुछ डोनेट करें तो काफी मदद मिल सकती है।

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