Mahatma Buddha Essay in Hindi Language | महात्मा बुद्ध पर हिंदी निबंध

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Mahatma Buddha Essay in Hindi Language | महात्मा बुद्ध पर हिंदी निबंध
 Mahatma Buddha Essay in Hindi Language | महात्मा बुद्ध पर हिंदी निबंध

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महात्मा बुद्ध पर हिंदी निबंध
 Mahatma Buddha Essay in Hindi Language

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प्रस्तावना (Introduction)

हमारे देश में जितने भी संत व महात्मा हुए हैं उनमें महात्मा बुद्ध का नाम सर्वप्रथम आता है। महात्मा बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की थी। वे आज से करीब 2500 साल पहले हुए थे। उन्होंने अपने जीवन को एक संन्यासी के रूप में व निरंतर यात्रा करते हुए बिताया। अपनी यात्रा के दौरान उनके साथ हजारों शिष्य भी चला करते थे। आइए महात्मा बुद्ध केक् जीवन व उनकी शिक्षाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं-

Mahatma Buddha Essay in Hindi Language | महात्मा बुद्ध पर हिंदी निबंध – बाल्यकाल व शिक्षा दीक्षा (Childhood and Education)

गौतम बुद्ध का जन्म ईसा से 563 वर्ष पूर्व नेपाल में कपिलवस्तु के लुंबिनी में हुआ था। इनके पिता महाराजा शुद्धोधन थे। तथा माता का नाम महामाया था। माता की मृत्यु इनके जन्म के कुछ समय बाद ही हो गई। इनका बचपन का नाम सिद्धार्थ था। सिद्धार्थ आरंभ से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति का बालक था।

जब इनका नामकरण संस्कार आदि हुआ तो ब्राह्मण ने पहले ही भविष्यवाणी कश्यप दी थीं कि या तो सिद्धार्थ एक महाप्रतापी वो चक्रवर्ती सम्राट बनेगा या एक संन्यासी वह संत जिसकी शिक्षाओं से आने वाली कई पीढ़ियों का मार्ग प्रशस्त होगा।

जब महाराज शुद्धोधन ने सिद्धार्थ के संत बनने की की भविष्यवाणी सुनी तो वे चकित रह गए। उन्होंने हर वो प्रयत्न किया जिससे सिद्धार्थ के मन में दुःख उत्पन्न न हो। सिद्धार्थ की शिक्षा आदि का संपूर्ण प्रबंध उन्होंने योग्य शिक्षकों द्वारा घर पर ही किया। कुछ समय पश्चात विवाह योग्य होने पर उनका विवाह यशोधरा नाम की राजकुमारी से संपन्न हुआ।

Mahatma Buddha Essay in Hindi Language | महात्मा बुद्ध पर हिंदी निबंध – तीन प्रश्न (Three Questions)

शुरू से मानवीय दुःखों तथा परेशानियों से अनजान सिद्धार्थ ने एक दिन अपना नगर घूमने का निर्णय लिया। उनके सारथी(रथ हांकने वाला) का नाम चन्ना था जो उनके मित्र जैसा था। नगर में घूमते हुए सिद्धार्थ ने एक बूढ़े व्यक्ति को देखा। उन्होंने चन्ना से पूछा, यह व्यक्ति इतना कमजोर व हताश क्यूं है? चन्ना ने कहा, यह व्यक्ति बूढ़ा हो गया है। समय के साथ साथ व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है और उसका शरीर दुर्बल हो जाता है। सिद्धार्थ चौंक गए।

फिर सिद्धार्थ ने एक बीमार व्यक्ति देखा। उन्होंने चन्ना से पूछा, इस व्यक्ति को क्या हुआ? चन्ना ने उत्तर दिया, राजकुमार ये एक बीमार व्यक्ति है। हमारे शरीर के कमजोर होने के साथ इसमें की लोग व व्याधियां घर कर जाती हैं। सिद्धार्थ ने पूछा, क्या मैं भी ऐसा हो सकता हूं? चन्ना बोला, जी राजकुमार, किसी का भी शरीर रोगी हो सकता है।

फिर कुछ समय बाद सिद्धार्थ ने एक श्मशान यात्रा देखी और चन्ना से प्रश्न किया, ये लोग इस इंसान को क्यूं ले जा रहे हैं? चन्ना ने उत्तर दिया, राजकुमार इस व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, इसलिए लोग इसके शरीर का दाह संस्कार करने जा रहे हैं। सिद्धार्थ के आश्चर्य की सीमा न रही। उन्होंने पूछा, क्या मेरी भी एक दिन मृत्यु हो जाएगी? चन्ना ने झिझकते हुए कहा, हां राजकुमार, हर इंसान की मृत्यु निश्चित है और आपकी भी।

Mahatma Buddha Essay in Hindi Language | महात्मा बुद्ध पर हिंदी निबंध – सत्य की खोज में जाना: महाभिनिष्क्रमण (Going away seeking truth)

यात्रा के पश्चात बहुत समय तक सिद्धार्थ ने तो चैन से सो सके, न ही उन्होंने भोजन किया। उन्हें इस संसार की क्षणभंगुरता पर आश्चर्य सोने लगा। और इसका रहस्य खोजने की इच्छा बलवती होती गई।

इसीलिए एक रात को चुपचाप उठकर उन्होंने राजमहल छोड़कर सत्य की खोज में निकलने का निर्णय लिया। अपनी पत्नी यशोधरा व बेटे राहुल को छोड़कर वो चन्ना के साथ रथ में सवार हुए और नगर के बाहर तक आ गए। अपने शाही वस्त्रों को चन्ना को देकर साधारण वस्त्र पहने और जंगल की ओर चले गए। इस वक्त पर उनकी आयु कुल 29 वर्ष थी। इस घटना को हम बौद्ध धर्म में महाभिनिष्क्रमण के नाम से जानते हैं।

Mahatma Buddha Essay in Hindi Language | महात्मा बुद्ध पर हिंदी निबंध – मोक्ष की प्राप्ति (Attainment of salvation)

विभिन्न तरह की साधनाओं व अलग अलग महात्माओं के आदेशों का पालन करते करते उन्हें 6 साल हो गए। उनके गुरु का नाम अनार कलाम था। उनके भी विभिन्न साधनों को प्रयोग में लाने पर भी उन्हें सत्य का साक्षात्कार नहीं हुआ। वर्षों की साधना से उनका शरीर बहुत कमजोर हो गया था। जिस दिन उन्हें भिक्षा मिल जाती केवल तब उन्हें खाने को मिल पाता। बुद्ध अलग अलग घरों से भिक्षा मांगने को मधुकरी कहते थे। मधुकरी यानि मधुमक्खियों का अपने छत्तों पर शहद बनाना।

कुछ समय उन्होंने निराहर रहकर भी तप किया। फिर एक दिन वैशाख पूर्णिमा को उन्होंने थोड़ा नाम मात्र का भोजन ग्रहण कर के संकल्प लिया कि या तो आज मेरा शरीर नष्ट होगा या मुझे ईश्वर का साक्षात्कार होगा। 

ये संकल्प लेकर वो पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यानमग्न होकर बैठ गए। उस रात उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। उस वृक्ष को बोधि वृक्ष के नाम से जाना गया।

Mahatma Buddha Essay in Hindi Language | महात्मा बुद्ध पर हिंदी निबंध – धर्म उपदेशों के लिए विभिन्न कार्य: धर्मचक्र प्रवर्तन (Religions Lectures and works)

मोक्ष प्राप्ति के बाद 40 वर्ष से अधिक समय तक महात्मा बुद्ध ने अपने प्रवचन दिए व‌ विभिन्न स्थानों पर यात्राएं कीं। उनका पहला प्रवचन सारनाथ में पाली भाषा में हुआ था।

महात्मा बुद्ध ने मनुष्य के दुखों का कारण इच्छा को बताया। उन्होंने इन दुःखों से बचने व सार्थक जीवन के लिए अंष्टागिक मार्ग भी बताये

  1. सम्यक दर्शन 
  2. सम्यक संकल्प
  3. सम्यक वाणी
  4. सम्यक कर्म
  5. सम्यक आजीविका 
  6. सम्यक व्यायाम
  7. सम्यक स्मृति
  8. सम्यक समाधि

Mahatma Buddha Essay in Hindi Language | महात्मा बुद्ध पर हिंदी निबंध – उपसंहार (Conclusion)

महात्मा बुद्ध केवल हमारे देश के ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए प्रकाश स्वरूप हैं। उन्हें Light of Asia भी कहा जाता है। आज बौद्ध धर्म सबसे ज्यादा अपनाये जाने वाले धर्मों में शामिल है। जो मानवता व प्रकृति के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

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