शब-ए-बारात (SHAB-E-BARAT FESTIVAL in Hindi)

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🕋 शब-ए-बारात शाबान की 15वी रात को मनाया जाता है। यह दुआओं और मगफिरत वाली रात है। इस बार यह (Shab-e-Barat 2022 Date) 18 से 19 मार्च, 2022 को है। यह एक ऐसी रात है, जो मोमिनों के गुनाहों को धो डालती है। वैसे तो अल्लाह तआला हमेशा ही हमारी दुआओं को सुनता है और अपने गुनाहों की माफ़ी मांगने वालों को वह माफ करता है। लेकिन शब-ए-बारात वाली रात को खासतौर से अल्लाह तआला हमारी दुआओं और हमारी गलतियों को माफ करने के लिए बैठे रहते हैं। आइए हम इस पोस्ट में आगे शब-ए-बारात की फजीलत के बारे में और जानकारी हासिल करते हैं।

शब-ए-बारात
SHAB-E-BARAT FESTIVAL in Hindi


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प्रस्तावना (Introduction) –

शाबान इस्लामी साल का आठवां महीना है, जिसकी 15वी रात को शब-ए-बारात होती है। शब-ए-बारात एक ऐसी रात होती है, जिसमें अल्लाह तआला बनी कलब की बकरियों की तादाद के बराबर गुनहगारों को जहन्नुम से आज़ाद कर देते हैं। हदीस शरीफ़ के मुताबिक अल्लाह तआला इस रात को आसमान पर जलवागर होते हैं और अपने बंदों को पुकारते हैं कि है कोई माफी मांगने वाला तो उसे मैं बख्श दूं। है कोई रोज़ी मांगने वाला तो मैं उसे रोज़ी दे दूं। है कोई बीमार जो मुझसे दुआ करे तो मैं उसे शिफा दे दूं।

शब-ए-बारात को अल्लाह तआला की रहमत जोश में रहती है। और जितने भी लोग अल्लाह तआला से दुआएं मांगते हैं अल्लाह तआला उनकी दुआओं (Shab-e-Barat Dua) को क़ुबूल करता है। जितने भी गुनहगार होते हैं वो इस रात को बख्शे जाते हैं। सिवाय उन लोगों के जो अपने मां-बाप से नाराज़ हैं, जो लोग अपने भाई से बैर रखते हैं, जो लोग शिर्क करते हैं और जो लोग शराब पीते हैं। शब-ए-बारात को बहुत ही खुशी के साथ मनाया (Shab-e-Barat Celebration) जाता है। इस दिन लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं, इत्र लगाते हैं, जुलूस उठाते हैं, अच्छे पकवान बनते हैं और मीठी चीज़ों पर फातिहा दिलवाते हैं। इस दिन मीठे में खासतौर से हलवा बनता है।

शब-ए-बारात का मतलब क्या है (What is the Meaning of Shab-e-Barat)?

शब का मतलब रात होता है, जबकि बारात का मतलब बरी होना होता है। इस रात मुसलामनों के गुनाहों को माफ किया जाता है और अल्लाह की रहमत उनपर बरसती है। अल्लाह के नबी फरमाते हैं कि शाबान मेरा महीना है, और रजब अल्लाह का महीना है, जबकि रमज़ान मेरी उम्मत का महीना है। शाबान का महीना गुनाहों को मिटाने वाला है और रमज़ान का महीना पाक करने वाला है। प्यारे नबी रमज़ान के बाद सबसे ज़्यादा रोज़े शाबान के महीने में रखा करते थे।

शब-ए-बारात की नमाज़ (Namaz for Shab e Barat) –

शब-ए-बारात की रात को सबसे ज़्यादा नफ़िल नमाजें पढ़ी जाती हैं। इस रात इबादत करने का सवाब अन्य रातों से ज़्यादा मिलता है। एक हदीस के मुताबिक इस रात को जो शख्स 100 रकात नफ़िल नमाज़ पढ़ता है, अल्लाह तआला उसके लिए 100 फरिश्ते भेजते हैं, जिनमें से 30 फरिश्ते उस शख्स को जन्नत की बशारत सुनाएंगे। 30 फरिश्ते उसे जहन्नुम के अज़ाब से बरी होने की खुशखबरी सुनाएंगे। 30 फरिश्ते उसे दुनियावी बलाओं और परेशानियों से बचाएंगे, और 10 फरिश्ते उसे शैतान के धोके और वसवसे से महफूज़ रखते हैं। 

शब-ए-बारात के बारे में खास बातें (Special Things About Shab-e-Barat) –

शब-ए-बारात की रात के बारे में प्यारे नबी कहते हैं कि यह एक ऐसी रात है, जिसमें इस साल पैदा होने वालों की ज़िंदगी लिख दी जाती है, और जितने भी लोग मरने वाले हैं उनकी मौत लिख दी जाती है। वहीं इस रात को सभी लोगों की साल भर की नेकी उठा ली जाती है और साल भर की रोज़ी भी लिख दी जाती है।

शब-ए-बारात की सुन्नतें (Sunnahs of Shab-e-Barat) –

शब-ए-बारात की रात को कब्रिस्तान जाना और वहां जाकर मुर्दों की क़ब्र पर फातिहा पढ़ना और उन्हें सवाब पहुंचाना सुन्नत है। इसके अलावा रातभर इबादत करना फिर दिन में रोज़ा (Shab-e-Barat Fasting) रखना यह भी सुन्नत है।

शब-ए-बारात की खुशियां (Shab-e-Barat Mubarak 2022) –

शब-ए-बारात को लोग एक दूसरे को मुबारकबाद (Shab-e-Barat Mubarak) देते हैं। अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं। मस्जिदें और घर सजाए जाते हैं और मीठी चीजों पर फातिहा होती है। लेकिन शब-ए-बारात में पटाखे बजाना यह बिल्कुल नजायज और हराम चीज है। 

शब-ए-बारात को किए जाने वाले काम (Things to do on Shab-e-Barat) –

शब-ए-बारात पर जो कार्य खासतौर से किए जाते हैं वो निम्नलिखित हैं –

  • शब-ए-बारात की रात को बेरी की 7 पत्तियों को पानी में उबालकर नहाया जाता है। ऐसा करने से नहाने वाला शख्स साल भर तक जादू व टोने से महफूज़ रहता है।
  • शब-ए-बारात की रात को कब्रिस्तान जाकर फातिहा पढ़ी जाती है, और मुर्दों की बख्शिश की दुआ की जाती है।
  • ज़्यादा से ज़्यादा नफ़िल नमाजें पढ़ी जाती हैं, दरूद पढ़े जाते हैं, साथ ही क़ुरान की तिलावत की जाती है। 
  • रात इबादत में गुजारी जाती है और दिन में रोज़ा रखा जाता है।
  • इस रात 11 बार कुल हुवल्लाह शरीफ पढ़कर जो शख्स मुर्दों को बख्शता है, तो मुर्दों को सवाब पहुंचने के साथ ही उस शख्स को मुर्दों की तादाद के जितना सवाब मिलता है।
  • यह रहमतों वाली रात है, इसलिए सब लोग इस रात को अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। 

शब-ए-बारात पर सख्त मना किए गए काम (Strictly Forbidden Work on Shab-e-Barat) –

शब-ए-बारात गुनाहों से माफी मांगने और अल्लाह की इबादत करने वाला दिन होता है। साथ ही यह बरकतों और रहमतों वाले दिन के भी रूप में जाना जाता है। लेकिन आजकल कुछ लोगों ने अपनी मौज मस्ती के लिए इसकी परंपरा को बदल कर रख दिया है। और शब-ए-बारात के मौके पर आतिशबाजी, बाइक पर स्टंट करने जैसी चीजों पर ज़ोर देने लगे है।

जबकि इन सभी चीज़ों की इस्लाम में कोई जगह नहीं है। आतिशबाजी करना, स्टंट करना, बल्कि जिन चीजों से आम लोगों को परेशानी हो वो सब चीज़ें इस्लाम में नाजायज और हराम हैं। इसलिए हर मुसलमान को चाहिए कि इन सब बेकार की चीज़ों से दूर रहें और शब-ए-बारात की उस रहमत वाली रात के महत्व को समझकर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगे।

निष्कर्ष (Conclusion) –

शब-ए-बारात एक ऐसी नेमत व बरकतों वाली रात है, जिसमें इंसान अल्लाह से सच्चे दिल से जो भी दुआएँ मांगे वह क़ुबूल होती हैं। इसमें इंसान के गुनाहों को तो माफ़ किया ही जाता है, साथ ही अल्लाह की रहमतों और बरकतों की बारिश भी होती है। क्या पता अगले साल आपकी ज़िंदगी रहे न रहे, इसलिए जब शब-ए-बारात हो तो इस कीमती रात का महत्व समझकर आपको अपने गुनाहों की माफी मांग लेनी चाहिए। 

-|| धन्यवाद ||- 


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-|| जय हिंद ||-

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