गाँधी जयंती पर भाषण (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi)

Loading

👀 गाँधी जयंती पर लिखा हुआ यह भाषण गाँधी जयंती पर भाषण (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi) आप को अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए भाषण या भाषण देने में सहायता कर सकता है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयों पर हिंदी में भाषण मिलेंगे (👉 हिंदी में भाषण विषयों की सूची), जिन्हे आप पढ़ सकते है, तथा आप उन सब विषयों पर अपना भाषण लिख कर साझा कर सकते हैं


गाँधी जयंती पर भाषण
Speech for Gandhi Jayanti in Hindi
Gandhi Jayanti Speech in Hindi


1869 को पोरबंदर में जन्में गांधी जी को याद करने और उनको सम्मान देने के लिए हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi) मनाई जाती है। अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले गांधी जी ही नेतृत्व में 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी। गांधी जी को केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में याद किया जाता है, और उनके पढ़ाए हुए अहिंसा के पाठ को याद करके अंतर्राष्ट्रीय विश्व अहिंसा दिवस मनाया जाता है। 

गांधी जयंती पर स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय आदि में गांधी जी की प्रशंसा में भाषण एवं कविताएँ (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi) पढ़ी जाती हैं। इसलिए आज हम आपके लिए आसान भाषा में गांधी जयंती पर भाषण (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi)लेकर आए हैं, जिसे आप अपने स्कूल, कॉलेज, कार्यालय आदि जगह प्रस्तुत कर सकते हैं।

गांधी जयंती पर भाषण (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi)

माननीय मुख्य अतिथि, हमारे आदरणीय प्रधानाचार्य जी, प्रिय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे मित्रों…। आज मैं आप सभी के लिए गांधी जयंती के इस शुभ अवसर पर राष्ट्रपिता की याद में कुछ विचार प्रस्तुत करने जा रहा हूं/जा रही हूं। मुझे उम्मीद है कि आपको वो पसंद आएंगी।

राष्ट्रपिता गांधी जी अहिंसा के पुजारी थे। गांधी जी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गांधी है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था। इसलिए हर साल 2 अक्टूबर को उनकी याद में हम गांधी जयंती मनाते हैं। महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी और मां का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी की शादी बहुत कम उम्र 13 साल में ही कर दी गई थी। इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था। गांधी जी एक वकील थे। 

अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद गांधी जी वकालत की पढ़ाई करने साउथ अफ्रीका चले गए थे। एक यात्रा के दौरान रंग भेदभाव के कारण महात्मा गांधी को ट्रेन से नीचे फेंक दिया गया था। लेकिन गांधी जी अन्याय सहने वालों में से नहीं थे और उन्होंने उस अत्याचार के लिए आवाज उठाई। उन्होंने साउथ अफ्रीका में रहते हुए ही रंगभेद नीति का विरोध अहिंसात्मक तरीके से किया। गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन के द्वारा रंगभेद नीति के लिए आवाज उठाई और उसमें उन्हें सफलता भी प्राप्त हुई। इस तरह उन्होंने अत्याचार के खिलाफ पहली लड़ाई लड़ी और उसमें सफल हुए।

अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब गांधी जी भारत लौटे तो उन्होंने देखा कि भारत में रहने वाले लोगों की स्थिति ठीक नहीं है। यहां रहने वाला हर एक नागरिक अंग्रेजों का गुलाम बना हुआ था। फिर क्या था गांधी जी से भारतवासियों का दर्द देखा नहीं गया और उन्होंने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो जैसे आंदोलन शुरू किए। गांधी जी के इस तरह के आंदोलन से अंग्रेज़ घबरा गए।

अंग्रेजों ने कई बार गांधी जी को जेल में भी डाला। लेकिन गांधी जी फिर भी नहीं डरे और भारत को आजादी दिलाने के लिए अहिंसात्मक तरीके से लड़ते रहे। गांधी जी के साथ साथ अन्य स्वंत्रता सेनानियों ने भी भारत की आजादी के लिए अपने अपने कदम बढ़ाए। यहां तक कि देश को आज़ाद कराने के लिए उन्होंने अपनी जान तक की कुर्बानी दे दी। 

गांधी जी का रहन-सहन बिल्कुल साधारण था। वह बहुत ही सादगी से जीवन व्यतीत करते थे। वह खादी के कपड़े पहनते थे। उनका मानना था कि व्यक्ति का जीवन सादगी भरा और उच्च विचारों वाला होना चाहिए। अंग्रेजों से भारत को आज़ादी दिलाने के लिए गांधी जी ने आम जनता को जगाया और उन्हें विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने को कहा। सभी भारतीयों ने ऐसा ही किया।

सच के साथ चलने वाले महात्मा गांधी ने जब तक भारत को आज़ाद नहीं कराया, वह सच्चाई, ईमानदारी और अहिंसा के साथ भारत को स्वतंत्र कराने की लड़ाई लड़ते गए। आम जनता के लिए तो गांधी जी ईश्वर का भेजा हुआ वरदान थे। गांधी जी में उनको आशा की किरण दिखाई देती थी। गांधी जी द्वारा कही हुई दो लाइनें मैं आपके सामने प्रस्तुत करता हूं/करती हूं –

व्यक्ति के जीवन में केवल प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है, जिसे यदि आप दूसरों पर छिड़कते हैं तो उसकी कुछ बूंदें अवश्य ही आपके ऊपर भी गिरती हैं।”

गांधी जी का भारत के लोगों के प्रति प्रेम और संघर्ष देखकर सुभाष चंद्र बोस ने एक रेडियो चैनल के माध्यम से उनको ‘बापू जी’ कहकर पुकारा था। तब से आज तक लोग उनको प्यार से बापू भी कहते हैं। सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले बापू स्वच्छता के प्रति भी बहुत गंभीर थे। उन्होंने ही सबसे पहले स्वच्छ भारत आभियान की शुरुआत की थी, और सभी लोगों को प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाए रखने के लिए जागरूक किया था।

गांधी जी का जीवन बहुत ही संघर्षमय था, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने जीवन से हार नहीं मानी। वह देश के लिए अहिंसात्मक रूप से लड़ते गए, लड़ते गए, लड़ते गए। वह मानवता के संरक्षक और महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका कहना था कि “मानवता की महानता मानव होने में नहीं, बल्कि मानवीय होने में है।” 

अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से आखिरकार उन्होंने 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी दिला ही दी। लेकिन फिर 30 जनवरी 1948 में नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। महात्मा गांधी की हत्या से पूरे भारत में जैसे शोक की लहर दौड़ गई। हर एक भारतवासी को गांधी जी के जाने का दुख था। भारत को स्वतंत्रता दिलाने वाले बापू भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें, उनके कर्म, उनकी सच्चाई, उनके विचार आज भी हमारे बीच अमर हैं। और उनका नाम भारत के इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाता रहेगा। हमें अपने बापू, उनके चरित्र और उनके सादगी भरे जीवन पर गर्व है।

“कैसा वह एक हमारा प्रिय बापू था, 

खून का रिश्ता न होते हुए भी हमारा साथी था।”


👉 यदि आपको यह लिखा हुआ गाँधी जयंती पर भाषण (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi) पसंद आया हो, तो इस भाषण को आप अपने दोस्तों के साथ साझा करके उनकी मदद कर सकते हैं |


👉 आप नीचे दिये गए छुट्टी पर निबंध पढ़ सकते है और आप अपना निबंध साझा कर सकते हैं |

छुट्टी पर निबंध
लॉकडाउन में मैंने क्या किया पर निबंधछुट्टी का दिन पर निबंध
गर्मी की छुट्टी पर निबंधछुट्टी पर निबंध
ग्रीष्म शिविर पर निबंधगर्मी की छुट्टी के लिए मेरी योजनाएँ पर निबंध
@ गाँधी जयंती पर भाषण (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi) पृष्ठ

विनम्र अनुरोध: 

तो मित्रों, इस प्रकार गाँधी जयंती पर भाषण (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi) समाप्त होता है। हमने पूरी कोशिश की है कि इस भाषण में किसी प्रकार की त्रुटि न हो, लेकिन फिर भी भूलवश कोई त्रुटि हो गयी हो तो आप अपने सुझाव हमें ईमेल कर सकते हैं। हम आपके सकारात्मक कदम की सराहना करेंगे। हम आपके लिये भविष्य में इसी प्रकार गाँधी जयंती पर भाषण (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi) की भाँति अन्य विषयों पर भी उच्च गुणवत्ता के सरल और सुपाठ्य भाषण प्रस्तुत करते रहेंगे।

यदि आपके मन में इस भाषण (Speech) को लेकर कोई सुझाव है या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ और जोड़ा जाना चाहिए, तो इसके लिए आप नीचे Comment सेक्शन में आप अपने सुझाव लिख सकते हैं आपकी इन्हीं सुझाव / विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मौका मिलेगा |

🔗 यदि आपको यह भाषण “गाँधी जयंती पर भाषण (Speech for Gandhi Jayanti in Hindi)” अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को निचे दिए गए Social Networks लिंक का उपयोग करते हुए शेयर (Facebook, Twitter, Instagram, LinkedIn, Whatsapp, Telegram इत्यादि) कर सकते है |

-|| धन्यवाद ||-

🇮🇳 जयहिंद

Leave a Comment