कुछ रंग नए कुछ ढंग नए
कुछ रंग नए कुछ ढंग नए
भारत के 72 सालों में ,
कुछ जंग नए उमंग नए
देखे हमने इन सालों में ।
श्री राम के पदचिन्हों पर चल
हमने ये देश बनाया है ,
सीता-सी मर्यादा रखकर
हर घर को स्वर्ग बनाया है ।
चाणक्य की नीतियों पर
चलकर हमने चंद्रगुप्त पाया है,
और द्रौपदी के चीरहरण पर
इंसाफ का बादल छाया है ।
गांधी जी की वाणी सुनकर
क्षुद्र को हरिजन बनाया है ,
अंबेडकर ने कलम से लिखकर
दलितों को अधिकार दिलाया है ।
महाराणा की भूमि में जाकर
रग-रग में क्रोध घुल आया है ,
और रानी लक्ष्मी का नाम सुनकर
वह रौद्र रूप याद आया है ।
इन आशावादी आँखों ने
नए भारत का स्वप्न जगाया है ,
और इसका नया रूप देखकर
कण -कण में हिंद भर आया है।
|| क्षमाश्री दुबे ||