सुर सुरभित नव वर्ष मंगल वेला आई
आई रे आई शुभ मंगल वेला आई ।
ओढ़े शारदी चुनर, घूंघट का पट खोल ।
नव वर्ष मधुमास, पीत पावन प्रभात ।
रंग रंगीन शुभ मंगलवेला आई।
फरे मोतियों की डार
पहने फूलों का हार
भौरे करे गुजार
चंचल नदियों के धार
चितवन, पैनी कटार
बहे वासंती वयार
कोयल करे सरगम निखार
सुर सुरभित नव वर्ष मंगल वेला आई ।
|| डॉ. उमा शर्मा ||
☃️🌈🥳 नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ 🥳🌈☃️
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