एकता (देश और धर्म)
एकता (देश और धर्म) है एक तू और एक मैं फिर क्यों ये धर्म अनेक हैं , समाज और संसार में सभी के अपने विवेक हैं । मैं हिंदू हूँ तू मुसलमान है मेरा मंदिर तो तेरा मस्जिद है मेरी गीता तो तेरा कुरान है मेरा शमशान तेरा कब्रिस्तान है । है देश कई और भेष … Read more