👓 गांधी जी, जिन्हें महात्मा गांधी, राष्ट्रपिता और बापू जैसे नामों से भी जाना जाता है। वह एक सादगी पसंद व्यक्ति थे, जिन्होंने अहिंसात्मक तरीके से कई सारे आंदोलन चलाकर भारत को आज़ादी दिलाई। विदेश जाकर पढ़ाई पूरी करने वाले गांधी जी ने भारत वापस आकर जब भारतवासियों की स्थिति देखी तो उनसे रहा ना गया और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह आदि आंदोलन चलाए। साथ ही भारत छोड़ो आंदोलन चलाकर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
भारत को आजादी दिलाने वाले बापू का जीवन कैसा था, वह हम इस पोस्ट में पढ़ेंगे। इसलिए इस महात्मा गांधी की जीवनी या Mahatma Gandhi Biography in Hindi वाले आर्टिकल को आखिर तक ज़रूर पढ़ें।
महात्मा गांधी की जीवनी इन हिंदी
Mahatma Gandhi Biography in Hindi
🇮🇳 महात्मा गांधी की जीवनी इन हिंदी (Mahatma Gandhi Biography in Hindi) class 3,4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखा गया है।
महात्मा गांधी की जीवनी इन हिंदी (Mahatma Gandhi Biography in Hindi) प्रारूप १
एक बार गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में यात्रा कर रहे थे कि तभी उन्हें रंगभेद के कारण गोरों ने ट्रेन से नीचे फेंक दिया था। गांधी जी पर उस घटना का ऐसा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने गोरों के खिलाफ रंगभेद आंदोलन जारी किया, और उसमें सफल हुए। यह आंदोलन अन्याय के विरुद्ध गांधी जी का पहला आंदोलन था। यहीं से प्रेरणा लेकर गांधी जी ने एक के बाद एक आंदोलन शुरू करके भारत को आज़ादी दिलाई।
गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई थी (When was Gandhi Born and Died)?
गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। इनके पिता करमचंद गांधी थे और मां पुतलीबाई। गांधी जी गुजराती थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर क्षेत्र में हुआ था। इनकी शादी बहुत ही कम उम्र में केवल 13 साल में 14 साल की कस्तूरबाई माखंजी कपाड़िया (कस्तूरबा गांधी) से कर दी गई थी। गांधी जी के चार बेटे थे, जिनके नाम रामदास, देवदास, हरिलाल और मणिलाल था।
कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को जब गांधी जी भारत को अंग्रेजों से आज़ाद कराने में सफल हो गए, उसके कुछ महीनों बाद ही 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इसपर एक अंग्रेज़ी अफसर ने कहा था –
जिस गांधी को हमने इतने सालों तक कुछ भी नहीं होने दिया, ताकि भारत देश में हमारे खिलाफ जो माहौल बना है, वह और न बिगड़ जाए, उस गांधी को आज़ाद भारत एक साल भी जीवित नहीं रख सका।”
गांधी जी की शिक्षा (Gandhi’s Education) –
गांधी जी अपने स्कूल के दिनों में ज़्यादा बुद्घिमान और पढ़ने में अच्छे नहीं थे। कोई भी उस समय यह नहीं जान सकता था कि आगे चलकर यही व्यक्ति भारत को आज़ादी दिलाएगा। एक बार उनके क्लास के ही एक छात्र ने उनसे कहा कि अंग्रेज भारत पर इसलिए राज कर रहे हैं क्योंकि वे मास खाते हैं। उनकी शक्ति का राज ही गोश्त है। उस सहपाठी की बात सुनकर शाकाहारी गांधी जी ने देशभक्ति में जैसे तैसे गोश्त तो खा लिया, लेकिन उसे खाने के बाद वह पूरी रात नहीं सो सके।
इसके अलावा उन्होंने स्कूल के दिनों में ही चोरी और धूम्रपान जैसा पाप भी किया था, लेकिन फिर बाद में उन्हें अपने किए पर शर्मिंदगी महसूस हुई, और उन्होंने मास के साथ ही चोरी व धूम्रपान जैसी बुरी चीज़ों को करने के लिए पश्चाताप किया, और रो रो कर अपने घर वालों से माफी मांगी।
गांधी जी पढ़ने में कमज़ोर ज़रूर थे, लेकिन उनकी एक बात से सब लोग समझ गए थे कि वह बड़े होकर कुछ तो ज़रूर बनेंगे। उस दिन हुआ यह कि स्कूल निरीक्षक क्लास में आकर सबकी स्पेलिंग की जांच कर रहे थे। तभी मोहनदास गांधी अपने नाम की स्पेलिंग गलत लिख रहे थे तो निरीक्षक ने उनसे बगल वाले छात्र की सिलेट में देखकर उसकी कॉपी करने को कहा। लेकिन गांधी जी ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया।
पढ़ने में कमजोर थे, इसलिए गांधी जी जैसे तैसे नवंबर, सन 1887 में अपनी मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। उसके बाद उन्होंने जनवरी, सन 1888 में भावनगर के सामलदास कॉलेज में दाखिला लिया और वहां से उन्होंने डिग्री प्राप्त की। और फिर बाद में वह लंदन जाकर बैरिस्टर बनकर भारत वापस लौटे।
गांधी जी के प्रमुख आंदोलन (Major Movements of Gandhiji) –
अंग्रेज़ भारत के लोगों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार करते थे। उन सभी अत्याचारों के खिलाफ एक के बाद एक आंदोलन प्रारंभ करके महात्मा गांधी ने लोगों को उनके अधिकार दिलाए। गांधी जी के हर एक आंदोलन में आम जनता ने बढ़ चढ़कर अपना सहयोग दिया। इस तरह भारत के लोगों को अहिंसात्मक तरीके से उनका अधिकार दिलाने वाले गांधी जी को, सुभाषचन्द्र बोस ने एक रेडियो के माध्यम से राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। तब से पूरा भारत उन्हें बापू कहकर पुकारने लगा।
महात्मा गांधी के आंदोलनों और जनता के सहयोग से अंग्रेजों को यह आभास हो गया था कि अब भारत में वो ज़्यादा समय तक राज नहीं कर सकते। और उन्होंने भारत छोड़ने के संकेत दे दिए थे। अंग्रेज़ों के विरुद्ध गांधी जी ने निम्नलिखित आंदोलन चलाए थे, –
1. चंपारण आंदोलन (1917)
2. खेड़ा आंदोलन (1918)
3. खिलाफत आंदोलन (1919)
4. असहयोग आंदोलन (1920)
5. भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
6. सविनय अवज्ञा आंदोलन: दांडी मार्च तथा गांधी-इरविन समझौता
उपसंहार (Conclusion) –
गांधी जी ने अपना पूरा जीवन देश को आज़ाद करने में लगा दिया। भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए उन्होंने कठोर संघर्ष किए। आज़ाद भारत का सपना देखने वाले गांधी जी का पूरा जीवन ही संघर्षमयी था। उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा, अंग्रेजों के अत्याचार झेलने पड़े, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। और भारत की स्वतंत्रता के लिए अहिंसात्मक तरीके से आवाज़ उठाते रहे।
वह खुद सादगी भरा जीवन जीते थे, खादी के कपड़े पहनते थे। अंतरात्मा की शांति के लिए कठिन उपवास करते थे। सच और अहिंसा पर चलते थे और लोगों को भी यही सीख देते थे। उनकी यही सादगी, यही सच्चाई और यही शांति उनकी शक्ति बनी और उसी शक्ति के बल पर उन्होंने भारत को आजाद कराया। लेकिन भारत की आज़ादी देखने के बाद कुछ ही समय में नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मरने पर पूरे देश में जैसे आंसुओं की नदियां बह गई थीं।
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महात्मा गांधी की जीवनी इन हिंदी (Mahatma Gandhi Biography in Hindi) प्रारूप २
आगामी …
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