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नवरात्रि पर निबंध
Navratri Nibandh in Hindi
Navratri Essay in Hindi
🎃 नवरात्रि पर निबंध (Navratri Nibandh in Hindi) Navratri Essay in Hindi पर यह निबंध class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखा गया है।
नवरात्र हिंदू धर्म के मुख्य त्योहार के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यदि सच्चे मन कर्म से माता दुर्गा की आराधना तथा उपासना की जाये तो माँ दुर्गा उसका फ़ल अवश्य ही देती है। कारण माता दुर्गा की पूजा-आराधना करने के लिये काफ़ी कठिन नियमों को मानते हुये नवरात्रि की जाती है। चलिए, इस आर्टिकल में हम आपको नवरात्रि पर निबंध (navratri essay in hindi) में बताते हैं। तो नवरात्रि निबंध हिंदी (Navratri Hindi Nibandh / Navratri Nibandh in Hindi) ज़रूर पढ़ें।
नवरात्रि मनाने का काल – How Many Time Navratri is being celebrated in Hindi
Navratri hindi information – नवरात्रि हिन्दू धर्म के अनुरूप एक वर्ष में चार बार मनाई जाती है। सबसे पहले चैत्र नवरात्रि, शारदीय की नवरात्रि, गुप्ता की नवरात्रि, तथा पौष नवरात्रि। नवरात्रि के इन चारों नवरात्रि में चैत्र की नवरात्रि की महत्ता सबसे अत्यधिक मानी जाती है। चैत्र नवरात्रि को पूरे हर्षोल्लास, धूमधाम के साथ मनाते हैं। चैत्र की नवरात्रि में माता दुर्गा के भिन्न-भिन्न स्वरूपों की पूजा होती है।
साल में आने वाले चारों नवरात्रि के अर्थ – hindi navratri all
चैत्र की नवरात्रि :-
हिन्दू कैलैंडर के मुताबिक ये नवरात्रि चैत्र महीने में मनाई जाती है। ये ज्यादातर मार्च-अप्रैल महीने में होता है तथा अंतिम दिन रामनवमी की तरह मनाते हैं ।
शारदीय की नवरात्रि :-
ये नवरात्रि कैलैंडर के मुताबिक अक्टूबर तथा नवंबर महीने में मनाया जाता है। इस नवरात्रि में माता दुर्गा के विभिन्न नौ रूपों की पुजा होती है। शारदीय नवरात्रि पूरे भारत भर में धूमधाम से मनायी जाती है। यह खासकर बंगाल के क्षेत्र में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
गुप्ता की नवरात्रि :-
ये नवरात्रि जून महीने से लेकर जुलाई महीने के बीच मनाई जाती है। इस नवरात्रि में हिन्दू महीना को आशा की तरह नामित किया है। इसलिए इसे गायत्री नवरात्रि के रूप में भी मनाते हैं।
पौष की नवरात्रि :-
हिन्दू कैलैंडर के अनुसार ये नवरात्रि पौष महीने में तथा अंग्रेज़ी कैलैंडर के अनुरूप दिसंबर तथा जनवरी के महीने में आती है।
नवरात्रि मे माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा – Durga ji ke 9 roop in Hindi
Navratri hindi information – नवरात्रि अर्थात् नव का अर्थ नौ तथा रात्रि का अर्थ रात, अर्थात् नौ रात तक नौ अलग-अलग देवियों की आराधना करने से है। नौ दिन तक प्रत्येक दिन माता दुर्गा के नौ अलग अलग रूपों की पूजा होती है तथा इसे नवदुर्गा के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
नवरात्रि के विशेष नौ दिन तथा माता दुर्गा के सभी नौ स्वरूप :-
– प्रथम दिन : शैलपुत्री – First Day of Navratri
यह रूप माता दुर्गा का प्रथम रूप है। शास्त्रों के अनुसार यह पुत्री के रूप में पर्वतराज हिमालय जी के यहाँ प्रकट हुई थी। माता शैलपुत्री के दायें हस्त में त्रिशूल तथा बायें हस्त में कमल फूल धारण करती हैं।
– द्वितीय दिन : ब्रह्मचारिणी Second Day of Navratri
यह रूप माता दुर्गा का दुसरा रूप है, जिसे ब्रह्मचारिणी नाम से जाना जाता है। ब्रह्मचारिणी अर्थात् तप के आचरण किये जाने वाली देवी। ब्रह्मचारिणी माता की पूजा द्वितीय दिन होती है तथा इनके दायें हस्त में जप माला तथा बायें हस्त में कमण्डल धारण करती है।
– तृतीय दिन : चन्द्रघंटा Third Day of Navratri
यह रूप माता दुर्गा का तीसरा रूप है, जिसे चन्द्रघंटा नाम से जाना जाता है। चन्द्रघंटा अर्थात् शान्ति प्रदान करने तथा कल्याण की माता होती है।चन्द्रघंटा माता के मस्तक में घंटा के स्वरूप का आकार का अर्द्धचाँद बना होता है, इसलिए इन्हें चन्द्रघंटा माँ कहते हैं।
– चतुर्थ दिन : कुष्मांडा Fourth Day of Navratri
यह रूप माता दुर्गा का चतुर्थ रूप है, जिसे कुष्मांडा नाम से जाना जाता है। माता कुष्मांडा की पूजा करने से सभी को सुख, शान्ति, उन्नति तथा समृद्धि प्राप्त होती है।
– पंचम दिन : स्कंदमाता Fifth Day of Navratri
यह रूप माता दुर्गा का पांचवाँ रूप है, जिसे स्कंदमाता नाम से जाना जाता है। स्कंदमाता का विराजमान कमल के पुष्प पर होता है तथा वाहन सिंह होता है।
– छठे दिन : कात्यानी Sixth Day of Navratri
यह रूप माता का छठा रूप है, जिसे कात्यानी नाम से जाना जाता है। माता कात्यानी पुत्री के रूप में महर्षि कात्यायन के द्वारा की गई घोर तपस्या के बाद आई थी।
– साँतवे दिन : कालरात्रि Seventh Day of Navratri
माता दुर्गा का साँतवा रूप माता कालरात्रि को माना जाता है। कालरात्रि माता का स्वरूप देखने वाले को भयभीत कर देती है लेकिन कालरात्रि माँ अपने भक्तों को हमेशा शुभ फ़ल ही देती है तथा ग्रहों की दिशा में सुधार करने के लिये भी जानी जाती है।
– आठवें दिन : महागौरी Eighth Day of Navratri
माँ दुर्गा का आठवाँ रूप महागौरी के नाम से जाना जाता है जिसकी पूजा आठवें दिवस में की जाती है। यह दिवस अष्टमी के नाम से प्रसिद्ध है।
– नौवें दिन : सिद्धीरात्रि Ninegth Day of Navratri
दुर्गा माँ का नौवाँ रूप सिद्धीरात्रि कहलाता है। इनकी पूजा करने वाले भक्तों को सिद्धियाँ प्रदान करती है तथा इनकी पूजा के साथ ही नवरात्रि की पूजा का समापन भी हो जाता है।
नवरात्रि मनाने के तरीके – Navratri ki jankari hindi me
नवरात्रि में भक्त माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते है तथा नौ दिन तक उपवास भी रखा जाता है। नवरात्रि के नौ दिन पूरे हर्षोल्लास से दुर्गा माँ मंदिर में ज्योत जला कर पूजा, भजन, आरती, कीर्तन किया जाता है।
नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापित होती है तथा अखंड ज्योत जलायी जाती है। अखण्ड ज्योत को नवरात्रि के पूरे नौ दिन तक जलाये रखना होता है। इसके बाद नवमी में माता की पूजा करके नौ कुँवारी कन्याओं को प्रसाद के रूप में भोजन कराके उनसे आशिर्वाद प्राप्त किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ये नौ कन्याओं को माँ दुर्गा के नौ रूप की तरह माना जाता है।
नवरात्रि के व्रत करने के कुछ नियम – Navratri rule in Hindi
नवरात्रि में नौ दिन बहुत पवित्र माने जाते हैं इसलिये माता की पूजा में कोई विघ्न या भूलचूक नहीं करनी चाहिए।
– नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापित कर व्रत करना आरंभ करते है तथा माँ की पूजा- आरती सुबह तथा संध्या में होती है।
– पूजा के बाद प्रसाद सभी में वितरण होता है।
– ज्यादातर घरों में माँ का जागरण रखा जाता है।
– नवरात्रि व्रत के दौरान आहार के रूप में सिर्फ़ फ़ल ही लिया जाता है।
– नवरात्रि के अंतिम दिन 9 कन्याओं को प्रसाद रूपी भोजन कराके उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
– बहुत से लोग नवरात्रि के अंतिम दिन हवन करवाते हैं।
नवरात्रि मनाए जाने वाले प्रमुख राज्य
वैसे तो नवरात्रि पूरे भारत के सभी शहरों में धूमधाम से मनाई जाती है परंतु कुछ राज्य पश्चिम बंगाल, असम, झारखण्ड, बिहार, मणिपुर, ओड़िशा तथा त्रिपुरा में व्यापक तौर पर मनाया जाता है। जहाँ नवरात्रि के अवसर पर पाँच दिन की वार्षिक छुट्टी भी रहती है। यह बंगाली हिन्दू तथा आसामी हिन्दूओं का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है जो पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
उपसंहार :-
हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्यौहार का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि का व्रत रखने से मन तथा अंतरात्मा की शुद्धिकरण होती है। इस नौ दिन तक व्रत रख कर भक्तों की उचित मनोकामना की पूर्ति होती है तथा विशेष फ़ल भी प्राप्त होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि का व्रत (Navratri Fasting) रखने से माता प्रसन्न होती है तथा सबकी मनोकामनायें पूर्ण करती हैं। उम्मीद है कि आपको navratri in hindi essay समझ में आ गयी होगी।
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