मेरा प्रिय मित्र पर निबंध / My Best Friend Essay in Hindi / Mera Priya Mitra par Nibandh 

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध / My Best Friend Essay in Hindi / Mera Priya Mitra par Nibandh 
मेरा प्रिय मित्र पर निबंध / My Best Friend Essay in Hindi / Mera Priya Mitra par Nibandh 


मेरा प्रिय मित्र पर निबंध
Mera Priya Mitra par Nibandh
Hindi Essay on my best Friend


🗣️ मेरा प्रिय मित्र पर निबंध ( Mera Priya Mitra par Nibandh) पर यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखा गया है।

प्रस्तावना

संसार के सभी संबंधों में मित्रता का संबंध बहुत सुंदर होता है। यह किसी भी पद, पहचान या धन पर निर्भर नहीं होता। हम जानते हैं कि श्रीकृष्ण ने एक महाराजा होते हुए भी अपने बचपन के मित्र सुदामा को आदर और सत्कार दिया था। मैं अमित हूँ और इस निबंध में अपने प्रिय मित्र सौरभ के गुणों और हमारी मित्रता पर कुछ बातें साझा करूंगा। जिस तरह कृष्ण ने अपनी मित्रता को हमेशा पवित्र बनाकर रखा, वैसे ही मैं भी हमारी मित्रता को अच्छा बनाने की कोशिश करता हूँ।

सौरभ के विशेष गुण

सौरभ में कई उल्लेखनीय गुण हैं। फिर भी सौरभ के कुछ गुण मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। वह मेरी ही कक्षा में पढ़ता है। वह पढ़ाई में होशियार है। हमारे शिक्षक सौरभ को बहुत पसंद करते हैं। वह प्रतिवर्ष वार्षिक परीक्षा में प्रथम स्थान पर आता है। उसे इतिहास और अंग्रेजी पढ़ने में काफी रुचि है। विद्यालय आते समय वह अपने माता-पिता के नियमित चरण स्पर्श करता है। हमारे विद्यालय के परिसर में स्थित मंदिर में वह भगवान से आशीर्वाद भी लेता है। पिछले माह उसे एक कला प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये पुरस्कार भी मिला था, अत: वह कला का भी एक अच्छा छात्र है।

सौरभ के व्यवहार से हम सभी मित्र संतुष्ट रहते हैं। किसी भी विपदा के समय सौरभ हर किसी की सहायता के लिये तैयार रहता है। उससे हमें काफी सारी चीजें सीखने को मिलती हैं। मेरे माता-पिता भी सौरभ के साथ मेरी संगति को सराहते हैं। हम दोनों मित्र गलत कामों और बुरे लोगों से दूर रहते हैं। सौरभ मुझे परीक्षा से पूर्व सभी विषयों की तैयारी करने में मदद भी करता है। वह मेरे हित के लिये मेरी गलतियाँ बताता है और उन्हें सुधारने में सहायता करता है।

हमारी मित्रता की कुछ घटनाएं

सौरभ और मेरी मित्रता की शुरुआत कक्षा 6 से हुई थी। हम दोनों इस विद्यालय में नये छात्र थे। अन्य छात्रों की तुलना में मैं सौरभ के साथ समय बिताना पसंद करता था। धीरे-धीरे हमारी मित्रता घनिष्ठ होती गई। अब हम कक्षा नौ में साथ पढ़ रहे हैं, इस बीच अब तक हमारे बीच न कोई झगड़ा हुआ, न ही कोई मनमुटाव। 

एक बार विद्यालय से जाते हुए कुछ आवारा लड़कों ने मुझे परेशान करना शुरु किया। जब सौरभ ने मुझे देखा तो उसने पास खड़ी पुलिस से सहायता माँगी। पुलिस ने उन लड़कों को डाँटकर वापस भेज दिया। हम दोनों ने पुलिस का धन्यवाद किया। इस तरह सौरभ ने अपनी सूझ-बूझ से मुझे उन लड़कों से बचाया। मैंने भी सौरभ का शुक्रिया अदा किया और हमारी मित्रता को ऐसे ही बरकरार रखने का वादा किया।

सच्ची मित्रता

सच्चे मित्र बहुत ही कम होते हैं। बिना किसी लालच और घृणा के मित्रता निभाने वाले ही सच्चे मित्र होते हैं। सौरभ और मैं भी वैसे ही सच्चे मित्र हैं। हम दोनों हमेशा एक दूसरे को आवश्यकता होने पर मदद करते हैं। एक दूसरे के लक्ष्यों की प्राप्ति में भी हम सहायता करते हैं और प्रेरणा देते हैं। एक सच्चे मित्र की पहचान होती है कि वह हमेशा अपने मित्र की भलाई के लिये ही सोचता है। 

उपसंहार

सौरभ और मेरी मित्रता सच्ची मित्रता है। हमारे परिवार के जन भी इसका समर्थन करते हैं। एक मित्र के रूप में सौरभ जैसा मित्र मिलना बहुत सौभाग्य की बात है। इसीलिये मैं स्वयं पर गर्व अनुभव करता हूँ कि मेरा मित्र सौरभ है। आप भी हमेशा अपनी मित्रता को सच्चा बनाने का प्रयास करें।


👉 यदि आपको “मेरा प्रिय मित्र पर निबंध” पर लिखा हुआ यह निबंध पसंद आया हो, तो इस निबंध (Mera Priya Mitra par Nibandh / Hindi Essay on my best Friend) को आप दोस्तों के साथ साझा करके उनकी मदद कर सकते हैं



My Best Friend Essay in Hindi / मेरा प्रिय मित्र पर निबंध :


👀 मेरा प्रिय मित्र पर निबंध पर लिखा हुआ यह निबंध आप को अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए निबंध (Mera Priya Mitra par Nibandh / My Best Friend Essay in Hindi) लिखने में सहायता कर सकता है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयों पर हिंदी में निबंध मिलेंगे (👉 निबंध सूचकांक), जिन्हे आप पढ़ सकते है, तथा आप उन सब विषयों पर अपना निबंध लिख कर साझा कर सकते हैं

My Best Friend Essay in Hindi
मेरा प्रिय मित्र पर निबंध 

मेरे घर के आस-पास और विद्यालय में मेरे कई सारे मित्र हैं लेकिन मेरे प्रिय मित्र का नाम विक्की है। 

वह अपने स्वभाव और कर्मठ कार्य के लिए जाना जाता है। उसका नाम विक्की उसके कर्मों पर ही प्रेरित होता है। मेरा प्रिय मित्र विक्की दिन-ब-दिन विकास के पद चिन्ह पर बढ़ रहा है। दुनिया में हर किसी का एक दोस्त होता है और ऐसे ही Mera Priya Mitra भी है। विक्की लगभग मुझसे एक माह बड़ा है। जिस कारण विक्की मेरे काफी ज्यादा नजदीक है। मुझे मेरे मित्र विक्की के साथ एक अलग ही अद्भुत सहायता और सुरक्षा महसूस होती है। My Best friend essay in hindi में आपको इसके बारे में आगे और जानकारी मिलेगी तो Mere Priya Mitra Par Nibandh ज़रूर पढ़ें। 

हमारी मित्रता का आरंभ – Mere Priya Mitra par Nibandh

मेरे प्रिय मित्र विक्की की जिंदगी काफी ज्यादा जटिल है। आपको बताएं तो मेरी और विक्की की मित्रता हमारे विद्यालय में कक्षा 6 में हुई। कक्षा 6 से लेकर आज तक मेरे और मेरे मित्र विक्की की मित्रता अटल रही है। आज हमारी मित्रता को 9 साल पूरे हो चुके हैं। वैसे देखा जाए तो साइकोलॉजी फैक्ट के अनुसार जिन लोगों की दोस्ती को 7 साल पूरे हो जाते हैं, उस दोस्ती में दरार आने के चांस बहुत कम है। मेरा मित्र विक्की और मै कहीं भी जाते थे तो पूरा का पूरा विद्यालय हमारी जोड़ी को देख कर हैरान हो जाता था। हमारी जोड़ी को लोग जय और वीरू के साथ कृष्ण और सुदामा की जोड़ी भी कहते थे। इसलिए इस लेख में हम Mera Priya Mitra Par Nibandh वो भी Mera Mitra in Hindi में लेकर आये है।

मेरे मित्र के जटिल जिंदगी

मेरा मित्र एक बेहद ही गरीब परिवार से आता है। उसकी जिंदगी में कई ऐसे मोड़ आए जिस कारण वह अपने आप को बदकिस्मत समझने लगा। दरअसल मेरे मित्र विक्की के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए जिसमें उसकी जिंदगी का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पल जब उसने मुझे साझा किया तो मेरी आंखों में भी आंसू आ गए। वह पल बहुत ही ज्यादा इमोशनल था। उसने ने मुझे बताया कि उसकी मां का देहांत बचपन में 2 वर्ष की उम्र मे ही हो गया। इस कारण उसके नसीब में मां की ममता देखने को नहीं मिली। तो वहीं जब मां का देहांत हुआ तो विक्की के पिता ने विक्की को आश्रम छोड़ दिया। जिसके पीछे का कारण लाचार फाइनेंसियल कंडीशन था। मेरे मित्र विक्की के चार भाई बहन थे, जिसमें एक बहन का देहांत जन्म के कुछ समय बाद ही हो गया। तो विक्की की दोनों बहनों की शादी हाल ही में हुई है। 

मेरे मित्र को मिली दूसरी जिंदगी

मेरे मित्र विक्की को उसके पिता ने आश्रम में 5 वर्ष की उम्र में पढ़ाई लिखाई के लिए छोड़ दिया। तो विक्की को एक नई जिंदगी का रूप मिला। जहां पर विक्की को कई भाई-बहन मिले तो वही एक नए माता-पिता का भी साथ मिल गया। वैसे मेरे मित्र विक्की की जिंदगी बिल्कुल भगवान कृष्ण की तरह थी। जहां जन्म किसी और ने दिया तो वही पालन पोषण किसी और ने किया। धीरे-धीरे जब विक्की बड़ा होता गया तो विक्की जिंदगी को समझने लगा। विक्की ने आश्रम में अपने माता पिता को काफी ज्यादा याद किया। कभी-कभी अपने आश्रम के साथियों के साथ लड़ाई झगड़े में माता-पिता की याद विक्की को बहुत आई। लेकिन विक्की के हौसले को सलाम करना चाहिए। 

हमारी रुचियां

मेरे मित्र विक्की और मेरी रूचि काफी ज्यादा सामान्य थी। मेरा मित्र विक्की काफी ज्यादा इंटेलिजेंट था। हम दोनों को पढ़ाई में काफी ज्यादा दिलचस्पी थी। दोनों मिलकर साथ पढ़ते थे और अपने साथियों की पढ़ाई में मदद भी करते थे। विक्की और मुझे दोनों को क्रिकेट में काफी ज्यादा रुचि थी। हम दोनों एक साथ खेलते और एक साथ खाना खाते थे। हालांकि 10वी की परीक्षा में हम दोनों ने बेहतर अंकों के साथ अगली कक्षा में उन्नति करी। लेकिन यहां पर विक्की को मुझ से थोड़ा दूर होना पड़ा। मैंने विज्ञान वर्ग में एडमिशन लिया तो विक्की ने वाणिज्य वर्ग में अपना एडमिशन कराया। लेकिन हम दोनों मौका देखते ही साथ में रहते थे। मेरे और विक्की के बीच मित्रता को देख बाकी लोग हमें भाई समझते थे। हालांकि हम दोनों अलग-अलग गर्भ से पैदा हुए हैं लेकिन हमारे बीच स्वभाव और नजदीकियों को देख हर कोई कह देगा कि हम दोनों भाई है। 

कुछ महत्वपूर्ण यादें

मैं और विक्की मिलकर काफी ज्यादा पढ़ाई पर ध्यान देते थे। लेकिन मौका मिलते ही हम दोनों खूब हंसी मजाक कर अपने दुखों को सुख में तब्दील करते थे। हम दोनों के बीच आज तक कभी भी लड़ाई नहीं हुई। हालांकि कभी-कभी मनमुटाव होता था, लेकिन हम दोनों का रिश्ता ही ऐसा था कि 2 दिन के बाद ही हमें हमारी गलती का एहसास हो जाता था। एक किस्सा मुझे आज भी याद है जब मैं किसी और दिशा में भटक रहा था तो मेरे मित्र विक्की ने मुझे सही रास्ता दिखा कर मेरा मार्गदर्शन किया। ठीक इसी प्रकार विक्की को जब भी किसी भी चीज की आवश्यकता पड़ी तो मैंने विक्की का भरपूर सहयोग किया। परंतु एक याद ने हम दोनों को काफी ज्यादा तोड़ दिया।

 दरअसल यह बात 12वीं कक्षा की है हम दोनों एग्जाम दे रहे थे। जहां विक्की की बहन की शादी थी लेकिन विक्की सम्मिलित नहीं हो पाया, जिसके कारण विक्की अंदर से काफी ज्यादा टूट गया। और उस को रोता देख मेरी भी आंखों से आंसू निकल गए। आज मेरे मित्र की पूरी जानकारी आप mera mitra essay in hindi मे जान चुके है। 

मेरे मित्र के गुण

मेरे मित्र में अवगुण बिल्कुल भी नहीं है लेकिन गुणों की बात करें तो विक्की के अंदर इतने गुण थे, जिनको बयां कर पाना नामुमकिन है। विक्की एक होनाहर, समझदार एवं तार्किक व्यक्ति था। विक्की लड़ाई झगड़े से काफी ज्यादा दूर रहता था। इसके अलावा विक्की की सबसे बड़ी बात यह थी कि विक्की प्रत्येक व्यक्ति को दोस्त बनाता था, और किसी के साथ विक्की का मनमुटाव नहीं था। इसके अलावा विक्की में घमंड तो बिल्कुल भी नहीं है। आज हम दोनों काफी बड़े हो चुके हैं लेकिन हम दोनों समय देखकर जरूर मिलते हैं। 

प्रिय मित्र का महत्व – Best friend Importance in hindi

जीवन में एक ऐसे व्यक्ति की सभी को आवश्यकता होती है जिसके आने से ज्यादातर परेशानियां दूर हो जाए। उसी स्थिति में सृष्टि में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में मित्र को जरूर शामिल किया जाता है। मित्र सिर्फ मित्र ही नहीं बल्कि एक भाई की तरह होता है। जो व्यक्ति को प्रत्येक तरीके से संभाल सकता है। मित्र के अंदर प्रेम क्रोध और समझ सब कुछ होता है। मित्र को आप अपनी सभी बातें बता सकते हैं। हिंदू धर्म में मित्र को एक अलग उपाधि दी गई है। मित्र के कई उदाहरण भी हैं जहां कृष्ण और सुदामा की दोस्ती को दुनिया याद करती है। और my best friend in hindi को पढ़कर आप भी अपने दोस्त को याद जरूर करेंगे।

सारांश

मैने अपने बड़े भाई समान दोस्त से बहुत सारे गुण सीखे हैं। इतना निस्वार्थ समझदार और प्यारा मित्र भगवान सभी को दे। विद्यालय और घर पर सब सदस्यों को उस पर मान है। वो बड़ा हो कर सभी का नाम रोशन करेगा। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि मेरे प्रिय मित्र की सारी मनोकामाएं पूरी हो, उसकी जिंदगी से दुख दूर हो जाएं। वो हमेशा सुखी रहे और उसे अपने लक्ष्यों को पाने की शक्ति मिलती रहे।

इसी के साथ मेरे प्यारे मित्र पर निबंध समाप्त होता है। मुझे आशा है आपको निबंध mera pyara mitra par nibandh in hindi / My Best Friend Essay in Hindi पसंद आया होगा। धन्यवाद।। 

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विनम्र अनुरोध:

इस तरह “मेरा प्रिय मित्र पर निबंध ( Mera Priya Mitra par Nibandh / My Best Friend Essay in Hindi)” यहीं पूरा होता है। हमने अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए पूरी कोशिश की है कि इस हिंदी निबंध में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना हो। फिर भी यदि आप को इस निबंध में कोई गलती दिखती है तो आप अपना बहुमूल्य सुझाव ईमेल के द्वारा दे सकते है। ताकि हम आपको निरन्तर बिना किसी त्रुटि के लेख प्रस्तुत कर सकें।

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