बेरोजगारी की समस्या और समाधान पर निबंध (berojgari ki Samasya aur Samadhan par Nibandh in Hindi)

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बेरोजगारी की समस्या और समाधान पर निबंध
berojgari ki Samasya aur Samadhan par Nibandh in Hindi
Unemployment Problems and Solutions Essay in Hindi


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बेरोजगारी हमारे भारत देश की एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति काम करने योग्य होते हुए भी रोजगार से वंचित रहता है। पढ़ा लिखा व्यक्ति हो या अनपढ़ दोनों को ही बेरोजगारी की समस्या से चार होना पड़ता है। ऐसे में कुछ लोग बेरोजगारी से तंग आकर गलत काम करते हैं, जिससे वो कमाई कर सकें। वहीं कुछ लोग तंग आकर आत्महत्या तक का सहारा ले लेते हैं। यदि इस खतरनाक समस्या का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया गया तो यह हमारे देश को बर्बाद करके ही छोड़ेगी।

इस पोस्ट में हम आपको बेरोज़गारी की समस्या की पूरी जानकारी देंगे। साथ इस इस समस्या का समाधान कैसे करना चाहिए यह भी बताएंगे। इसलिए इस बेरोजगारी की समस्या और समाधान पर निबंध (berojgari ki Samasya aur Samadhan par Nibandh in Hindi) की पोस्ट को अंत तक ज़रूर पढ़ें।

प्रस्तावना (Introduction) –

वैसे तो हमारे देश में बहुत सारी समस्याएँ हैं, जिनसे हमारा देश जूझ रहा है। लेकिन उन समस्याओं में से जो एक बहुत बड़ी समस्या है वह बेरोजगारी है। बेरोजगारी कई तरह के अपराध का कारण है। साथ ही यह गरीबी, भूखमरी यहां तक की आत्महत्या का भी एक विशेष कारण है। बेरोजगार व्यक्ति खुद को हारा हुआ और तुच्छ महसूस करता है। उसके अंदर काम करने की इच्छा, योग्यता और क्षमता होने के बावजूद भी काम न मिलने से वह अवसाद का शिकार हो जाता है। यदि इस समस्या का कोई अच्छा उपाय नहीं निकाला गया तो इससे हमारे देश और देश के लोगों दोनों को नुकसान होगा।

बेरोज़गारी क्या है (What is Unemployment in Hindi)?

जब देश में काम करने वालों को संख्या अधिक होती है और उनमें कार्य करने की क्षमता भी होती है, लेकिन उन्हें प्रचलित मजदूरी दर पर काम नहीं मिल पाता है तो ऐसी स्थिति को बेरोजगारी की स्थिति माना जाता है। इसके अलावा जो व्यक्ति इस स्थिति में होता है उसे बेरोजगार कहा जाता है।

बेरोजगारी के प्रकार (Types of Unemployment in Hindi) –

हमारे भारत देश में बेरोजगारी कई तरह की होती है। लोग चाहें अनपढ़ हों या पढ़े-लिखे लगभग सभी बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। अलग अलग तरह के लोगों को बेरोज़गारी से परेशान देखते हुए बेरोजगारी को निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा गया है –

• सामान्य बेरोजगारी (General Unemployment) –

सामान्य बेरोजगारी वह बेरोजगारी होती है, जिसमें व्यक्ति प्रचलित मजदूरी दर पर कार्य करने के लिए तैयार होता है, लेकिन उसे काम नहीं मिल पाता।

• अक्षमता बेरोजगारी (Disability Unemployment) –

जब किसी व्यक्ति में शारीरिक या मानसिक रूप से कार्य करने की क्षमता नहीं होती तो ऐसी स्थिति को अक्षमता बेरोजगारी कहते हैं।

• स्वैच्छिक बेरोजगारी (Voluntary Unemployment) –

स्वैच्छिक बेरोजगारी वह बेरोजगारी होती है, जिसमें व्यक्ति को वर्तमान मजदूरी दर पर काम मिलता है, लेकिन वह अपनी इच्छानुसार उसे नहीं करता। यानी जब कोई व्यक्ति अपने मनचाहे रोजगार के लिए कोई अन्य रोजगार छोड़ देता है तो वह स्वैच्छिक बेरोजगारी कहलाती है।

• प्रच्छन्न बेरोजगारी (Disguised Unemployment) –

जब किसी कार्यस्थल पर आवश्यकता से अधिक लोग कार्य कर रहे होते हैं, तो वह अतिरिक्त कार्य करने वाले लोग प्रच्छन्न बेरोजगारी के अंतर्गत आते हैं। इस तरह की बेरोज़गारी ग्रामीण इलाकों में कृषि के क्षेत्र में ज़्यादा पाई जाती है, जहां पर यदि लोगों को कम भी कर दिया जाए तो उत्पादन में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

• मौसमी बेरोजगारी (Seasonal Unemployment) –

मौसमी बेरोजगारी वह बेरोजगारी होती है, जिसमें कार्य समूह को साल के कुछ ही महीने काम मिल पाता है। बाकि के महीने तो बेकारी में ही चले जाते हैं।

• शिक्षित बेरोजगारी (Educated Unemployment) –

शिक्षित बेरोजगारी शिक्षित लोगों में पाई जाती है। इसके अंतर्गत व्यक्ति शिक्षित होने के बावजूद बेरोजगार रहता है।

• चक्रीय बेरोजगारी (Cyclical Unemployment) –

चक्रीय बेरोजगारी भी एक तरह की बेरोज़गारी समस्या है। ऐसी बेरोजगारी व्यक्ति के जीवन में तब उत्पन्न होती है, जब देश की अर्थव्यवस्था में चक्रीय उतार-चढ़ाव होते हैं। 

बेरोजगारी के कारण (Cause of Unemployment) –

बेरोजगारी एक ऐसी समस्या है, जिसके निम्नलिखित कारण हैं –

(1) बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण अधिक जनसंख्या है।

(2) शिक्षा प्रणाली का ठीक न होना भी बेरोजगारी का एक कारण है।

(3) निर्धनता भी बेरोजगारी का एक मुख्य कारण है। निर्धनता की वजह से व्यक्ति अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाता, जिस कारण वह बेरोजगार रहता है।

(4) जनसंख्या वृद्धि के कारण हमारे देश की कृषि-प्रणाली काफी पिछड़ गई है, जिस कारण बेरोजगारी बढ़ी है।

(5) मशीनीकरण का होना भी बेरोजगारी का एक कारण है। पहले जो कार्य लोगों द्वारा किया जाता था, वह आज मशीनें कर रही हैं।

(6) आज वर्तमान में हमारा देश जिस बेरोजगारी से गुजर रहा है, इसका मुख्य कारण कारोना है। कोरोना जैसी महामारी ने ही पूरे देश की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ कर रख दिया है। जितने भी लोगों को रोज़गार के लिए परीक्षा देनी थी उन सभी परीक्षाओं पर रोक लग गई।

(7) बेरोजगारी का एक कारण प्रदूषण भी है। आजकल प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया है कि वो लोगों के स्वास्थ्य को खराब कर रहा है और लोग बीमारी की वजह से घर से बाहर निकलकर काम करने में असमर्थ होते हैं।

बेरोजगारी निवारण के उपाय (Unemployment Measures in India) –

बेरोजगारी दूर करने के निम्नलिखित उपाय हैं –

• सरकार और आम जनता को मिलकर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रण करना होगा।

• शिक्षा का अधिक से अधिक प्रसार करना चाहिए। साथ ही तकनीकी शिक्षा को भी बढ़ावा देना चाहिए, जिससे कि रोज़गार के अवसर बढ़ सकें।

• भारत एक कृषि-प्रधान देश है, इसलिए कृषि का विकास करके भी रोजगार को बढ़ाया जा सकता है।

• ग्रामीण क्षेत्रों में सहायक उद्योगों का विकास करके भी बेरोजगारी की समस्या को दूर किया जा सकता है। कृषि सहायक उद्योग जैसे – मुर्गीपालन, मछली पालन, बागवानी, फूलों को खेती, दुग्ध व्यवसाय आदि का विकास करने से भी बेरोजगारी की समस्या दूर की जा सकती है।

• देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था बिल्कुल अच्छी नहीं है। इसे ठीक करके भी बेरोजगारी की समस्या का समाधान किया जा सकता है।

• अपने आस-पास के वातावरण को साफ सुथरा और स्वच्छ रखना चाहिए, जिससे कि व्यक्ति बीमार न पड़े। साथ ही उसके मस्तिष्क पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़े।

• देखने को मिला है कि कोरोना जैसी महामारी के समय सतर्कता की कमी की वजह से ये बीमारी खूब फैली। इस कारण दफ्तरों को बंद करना पड़ा और लोग बेरोजगार हुए। ऐसी स्थिति से बचने के लिए हमेशा सैनिटाइजर और मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। सुरक्षा के सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। 

निष्कर्ष (Conclusion) –

बेरोजागारी एक ऐसी समस्या है, जो सिर्फ हमारी नहीं, समाज की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है। इसका निवारण हम सबको मिलकर करना होगा, तभी हम इस बेरोजगारी की गंभीर समस्या से निकल पाएंगे और हमारे देश का विकास हो पाएगा। हम सबको मिलकर जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगानी होगी। हम सबको खुद और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी होगी। हमें भविष्य की पीढ़ियों को नौकरी ढूंढने वाली मानसिकता से बाहर निकाल कर नौकरी देने वाला बनाना होगा। नई-नई तकनीकी शिक्षा को हासिल करके हम न केवल खुद को बेरोजगारी से बचा सकेंगे, बल्कि अपने भारत देश को भी पिछड़ने से रोक पाएंगे।

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विनम्र अनुरोध:

इस तरह “बेरोजगारी की समस्या और समाधान पर निबंध (berojgari ki Samasya aur Samadhan par Nibandh in Hindi)” पूरा होता है। इस निबंध में कोई गलती न हो, इसकी हमने पूरी कोशिश की है। फिर भी यदि इसमें किसी प्रकार की त्रुटि हो तो आप अपने सुझाव हमें ईमेल कर सकते हैं। भविष्य में हम इसी प्रकार “त्यौहार के महत्व” जैसे विभिन्न विषयों पर अच्छी गुणवत्ता के, सरल हिंदी निबंध प्रदान करते रहेंगे।

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