Chhath Puja Essay in Hindi | छठ पूजा पर निबंध

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Chhath Puja Essay in Hindi | छठ पूजा पर निबंध
Chhath Puja Essay in Hindi | छठ पूजा पर निबंध

Chhath Puja Essay in Hindi
छठ पूजा पर निबंध

🎃Chhath Puja Essay in Hindi | छठ पूजा पर निबंध पर यह निबंध class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखा गया है।

प्रस्तावना (Introduction)

हम सभी अपने भारत देश के त्यौहारों की विविधता को जानते हैं। अलग अलग राज्यों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक व पारम्परिक त्यौहारों का प्रचलन कई सदियों से चला आ रहा है। इन्हीं त्यौहारों में बिहार व उ०प्र० में मनाया जाने वाला त्यौहार छठ पूजा भी शामिल है। इस त्योहार के बारे में बहुत से लोग अक्सर सुनते रहते हैं। लेकिन उन्हें इसकी पर्याप्त जानकारी नहीं है। इस निबंध में हम प्रयास करेंगे कि आपको छठ पूजा के बारे सभी जरूरी बातें बता सकें। चलिए शुरू करते हैं-

छठ पूजा क्या है? (What is Chhath Pooja)

छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार व उ०प्र० (पूर्वांचल) के निवासियों द्वारा मनाया जाने वाला एक सांस्कृतिक त्यौहार है। छठ पूजा को बहुत लंबे समय से कई पीढ़ियों द्वारा मनाया जाता है। 

यह त्यौहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को आता है। यह दीपावली से बाद आने वाले त्योहारों में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। हालांकि यह वर्ष में दो बार आता है। हिन्दू कैलेंडर का अनुसार चैत्र माह में पहली छठ पूजा तथा कार्तिक मास में दूसरी छठ पूजा लोग उत्साह के साथ मनाते हैं।

मुख्य रूप से यह तीन दिनों तक मनाया जाता है। इसमें लोग व्रत उपवास आदि भी करते हैं। हम इस दिन देवी माता षष्ठी (छठी मैया) तथा सूर्य देव की पूजा अर्चना करते हैं। सूर्य देव इस पृथ्वी को निरंतर जीवन प्रदान करते हैं इसलिए इस दिन उनकी पूजा जाता है तथा छठी माता को सूर्य देव की बहन माना जाता है इसलिए उनकी भी अर्चना होती है।

छठ पूजा करने की विधि/तरीका (How to perform Chhath Pooja)

छठ पूजा के लिए इन चार दिनों में व्रत रखना अहम होता है। छठ व्रत के पहले दिन को नहाय खाय कहते हैं। इस दिन व्रत रखने वाले लोग प्रातः उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहनते हैं तथा अपने घरों की साफ सफाई करते हैं। इस दिन सिर्फ एक ही बार भोजन ग्रहण किया जाता है जो कि मूंग या चना दाल या चावल का बना होता है। व्रत रखने वाले व्यक्ति के खाने के बाद ही परिवार के अन्य लोग खाना खाते हैं।

छठ व्रत के दूसरे दिन को खरना या फिर लोहंडा कहा जाता है। इस दिन लोग निर्जला उपवास रखते हैं यानि पूरे दिन भोजन व पानी कुछ भी ग्रहण नहीं करते। शाम के समय खीर के प्रसाद का सेवन किया जाता है। अगले दिन के लिए आधी रात को ही महिलाएं चावल के लड्डू तैयार कर लेती हैं इन्हें ठेकुआ कहते हैं।

तीसरे दिन, जो संध्या अर्घ्य का दिन होता है, सभी लोग मिलकर किसी नदी या तालाब के पास पूजा की सामग्रियां, ठेकुआ का प्रसाद तथा फल आदि चीजें लेकर जाते हैं। नदी पर ये सामान घर का कोई पुरुष लेकर जाता है। चलते समय महिलाएं छठी मैया के गीत व भजन गाती हैं। वहां पर सूर्य देव को संध्या अर्घ्य दिया जाता है तथा परिक्रमा की जाती है। अगले दिन, जो सप्तमी का दिन होता है, प्रातः काल में नदी पर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। फल, तथा प्रसाद को लोगों में वितरित कर दिया जाता है।

छठ पूजा का महत्व (Importance of Chhath Pooja)

छठ पूजा को हमारे देश में वैदिक काल से ही मनाया जाता रहा है। भले ही इसका स्वरूप थोड़ा अलग हो गया है परंतु सूर्य की उपासना व छठी मैया की अर्चना का विधान हमेशा से है। यह पर्व मुख्य रूप से हमें प्राकृतिक वातावरण जैसे नदियों, सूर्य, व पेड-पौधों से जोड़ता है। हमें प्रकृति के महत्व के प्रति जागरूक करता है।

छठी मैया को सृष्टिकर्ता ब्रह्मा की मानस पुत्री भी कहा गया है। इसलिए इन दिनो हम उनकी आराधना वो तपस्या कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं। मान्यता है कि जब भगवान राम माता सीता व अपने भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आए तो माता सीता ने भी छठी मैया का व्रत रखा था एवं सूर्योपासना की थी।

उपसंहार (Conclusion)

निस्संदेह छठ पूजा का पर्व हमारे देश के अनमोल व अनोखे पर्वों में से एक है। हमें आवश्यकता है कि इस पर्व का सम्मान करें व इसके महत्व को समझते हुए इसे प्रति वर्ष धूमधाम से मनाएं। छठ के विभिन्न गीत व प्रकृति से जुड़ाव हमें इस पर्व की ओर आकृष्ट करते हैं। आशा है आपको छठ पूजा के संबंध में अच्छी जानकारी मिली होगी।

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छठ पूजा पर दस लाइन हिन्दी निबंध
10 Lines Essay on Chhath Pooja

छठ पूजा देश के कुछ प्रमुख पर्वों में से एक है। हालांकि इसे ज्यादातर उत्तर भारत जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड आदि राज्यों के लोग मनाते हैं लेकिन फिर भी यह बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। आपको भी छठ पूजा के बारे में कई बातें नहीं पता होंगी। आइए इस छोटे से 10 लाइन के निबंध में छठ पूजा के बारे में आवश्यक बातें जानते हैं-

  1. छठ पूजा को वर्ष में दो बार चैत्र तथा कार्तिक मास में मनाया जाता है।
  1. छठ पूजा का पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है।
  1.  लोग छठ पूजा में छठी मैया की पूजा अर्चना तथा सूर्य देव की उपासना करते हैं।
  1. छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाय कहते हैं। इस दिन सिर्फ एक बार भोजन ग्रहण किया जाता है।
  1. दूसरे दिन को लोग करना या लोहंडा कहते हैं। यह निर्जला उपवास का दिन होता है।
  1. तीसरे दिन नदी पर सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाता है।
  1. छठ पर्व के चौथे दिन प्रातः उठकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है तथा लोग प्रसाद वितरित करते हैं।
  1. छठी मैया का यह पर्व हमें सुख समृद्धि व मनोवांछित चीज प्रदान करता है।
  1. कहते हैं कि माता सीता ने भी अयोध्या आगमन के बाद इस पूजा को किया था, इससे इसका महत्व भी समझ आता है।
  1. छठ पूजा का महत्व इसलिए भी है क्यूंकि यह हमें प्रकृति से जोड़ता है।

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