नारी शिक्षा का महत्व पर निबंध (Essay on Importance of Women Education in Hindi)

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नारी शिक्षा का महत्व पर निबंध
Essay on Importance of Women Education in Hindi


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एक नारी का शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि जब एक पुरुष शिक्षित होता है तो वह केवल खुद ही अकेले आगे बढ़ता है। लेकिन जब एक महिला शिक्षित होती है तो वह अपने बच्चों के साथ ही पूरे परिवार को शिक्षित करती है। और जब पूरा परिवार शिक्षित होता है तो उससे पूरा राष्ट्र चलता है, और एक समृद्ध राष्ट्र तभी स्थापित होता है, जब उस राष्ट्र के लोग साक्षर होते हैं। इसलिए आज के दौर में पुरुषों के लिए शिक्षा जितनी ज़रूरी है, उतनी ही महिलाओं के लिए भी। आइए आगे बढ़ते हैं और नारी शिक्षा के महत्व के बारे में और जानते हैं।

प्रस्तावना (Introduction) –

पहले के ज़माने में नारी की स्थिति बहुत ही दयनीय थी। पहले जहां महिलाएँ पुरुषों की गुलाम बनकर रहती थीं, वहीं आज वो पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चलती हैं। पहले के ज़माने में जहां महिलाएँ सती प्रथा, दहेज आदि के बोझ तले दबी हुई थीं, वहीं आज वो डॉक्टर, टीचर और इंजीनियर बनकर देश की सेवा कर रही हैं। यहां तक कि कभी कभी जिस क्षेत्र में पुरुष सफल नहीं हो पाते, वहां पर महिलाएँ कामियाबी के पर्चम लहराती हैं। 

तभी तो कहा जाता है कि “हमारे देश को अगर करनी है तरक्की तो नारी शिक्षा है बहुत ज़रूरी।”

लेकिन इतना कुछ करने के बाद भी आज भी महिलाओं की साक्षरता दर पुरुषों की तुलना में कम है। भारत में जहां पुरुषों की साक्षरता दर 84.7 है, वहीं महिलाओं की अभी भी 70.3 है। शहर में तो लड़कियों को पढ़ाया लिखाया जाता है। उन्हें आगे बढ़ने दिया जाता है, लेकिन गांव में अभी कुछ लड़कियों को स्कूल भेजने कि बजाए घर के कामों में ही सीमित रखा जाता है।

नारी शिक्षा क्या है (What is Women Education)?

महिलाओं को शिक्षित करना और उनका पुरुषों की तरह देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में योगदान देना ही नारी शिक्षा के अंतर्गत आता है। जब एक नारी शिक्षा प्राप्त करती है तो वह शिक्षित तरीके से घर की देखभाल करती है। बच्चों का पालन पोषण करती हैं। उन्हें अच्छी शिक्षा देती है। उन्हें देश के प्रति उनके कर्तव्य के बारे में बताती है।

कहने का तात्पर्य यह है कि अनपढ़ महिला की अपेक्षा एक पढ़ी लिखी नारी ही राष्ट्र की उन्नति में अपनी अहम भूमिका निभाती है। एक शिक्षित महिला ही देश को डॉक्टर देती है, देश को इंजीनियर देती है, फौजी देती है, साइंटिस्ट देती है। क्योंकि शिक्षित होने की वजह से वह जानती है कि देश को किस चीज़ की ज़रूरत है। वहीं अनपढ़ महिला को जानकारी न होने के कारण देश के बारे में सोचना तो दूर उसको अपने बच्चों को शिक्षा तक देने की योग्यता नहीं होती।

नारी शिक्षा का महत्व (Importance of Women Education) –

नारी शिक्षा का महत्व बहुत ज्यादा है। और इसका अंदाजा हम इसी बात से लगा सकते हैं कि जब कोरोना की वजह से लॉकडाउन में सब अपने अपने घर में थे और बच्चों की शिक्षा को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया था, तो वो पढ़ी लिखी महिलाएँ ही थीं, जिन्होंने अपने बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज या ऑनलाइन शिक्षा में मदद की। 

वहीं दूसरी ओर जो महिलाएँ अनपढ़ थीं, उन्होंने अपने बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा को ही रोक दिया। क्योंकि वो उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई कराने के योग्य नहीं थीं। इस तरह हम कह सकते हैं कि नारी शिक्षा बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण है।

नारी शिक्षा सिर्फ एक नारी को सशक्त नहीं बनाता बल्कि इससे राष्ट्र भी सशक्स और मजबूत बनता है। राष्ट्र का समग्र विकास होता है।

नारी शिक्षा की आवश्यकता (Need of Women’s Education in India) –

नारी शिक्षा की आवश्यकता हर क्षेत्र में है। चाहे घर को स्वर्ग बनाना हो, हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज करना हो, स्कूल कॉलेज में बच्चों को शिक्षा देनी हो, साइंस के क्षेत्र में एक्सपेरिमेंट करना हो, लगभग हर जगह ही शिक्षित महिलाओं की अवश्यकता होती है। 

घर में जहां वो अपने परिवार को राष्ट्र की सेवा करने योग्य बनाती है, वहीं हॉस्पिटल में वो महिलाओं का अच्छी तरह इलाज करने में अपनी अहम भूमिका निभाती है। स्कूल में जितने अच्छे से वो बच्चों को शिक्षित करती है शायद ही कोई पुरुष एक महिला की बराबरी कर सके। इसके अलावा विज्ञान के क्षेत्र में भी हज़ारों पुरूषों के बीच नारी अपना अलग ही नाम बनाती है। 

इसलिए नारी के लिए कहा भी गया है कि “कोई भी राष्ट्र यश के शिखर पर तब तक नहीं पहुंच सकता है, जब तक कि उस राष्ट्र की महिलाएँ पुरुष से कंधे से कंधा मिलाकर ना चलें।”

नारी शिक्षा का उद्देश्य (Objectives of Women’s Education in India) –

नारी शिक्षा के जो मुख्य उद्देश्य हैं वो निम्नलिखित हैं –

नारी शिक्षा का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे कि वो किसी भी स्थिति में खुद को संभालने योग्य बनें।

शिक्षा से ही एक नारी में सोचने समझने और सही निर्णय लेने की क्षमता उत्पन्न होती है।

जिस देश में शिक्षित महिलाएँ होती हैं, वह देश विकासशील देश बनता है।

एकसाक्षर महिला में अपनी संस्कृति और धर्म को समझने और उसपर चलने के गुण होते हैं।

यदि एक मां शिक्षित होगी तो उसके बच्चे भी शिक्षित होंगे और जब बच्चे शिक्षित होंगे तभी तो राष्ट्र की उन्नति होगी।

नारी शिक्षा के फ़ायदे (benefits of Women Education) –

(1) शिक्षित महिला हर तरह से स्वतंत्र होती है। उसमें सोचने समझने का हुनर रहता है। इसलिए वह किसी भी चीज़ के लिए पुरुष पर निर्भर नहीं रहती। शिक्षा से ही उनमें आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान पैदा होता है। 

(2) नारी शिक्षा से सबसे ज़्यादा फ़ायदा परिवार को होता है। एक शिक्षित महिला ही परिवार की आय बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाती है। साथ ही एक बच्चे की अच्छी तरह देखभाल, टीकाकरण, कुपोषण से बचाव आदि भी एक शिक्षित महिला ही अच्छी तरह कर पाती है।

(3) एक शिक्षित महिला के अंदर घरेलू हिंसा से खुद को बचाने की शक्ति होती है।

(4) शिक्षित नारी से ही समाज और राष्ट्र दोनों का विकास होता है। एक नारी जब काम करना शुरू करती है तो सब पर भारी पड़ती है।

(5) शिक्षित नारी जनसंख्या को नियंत्रित रखने में भी अपनी अहम भूमिका निभाती है।

(6) एक पढ़ी लिखी महिला घिसी पिटी रूढ़ीवादी मान्यताओं को छोड़कर, नये विचारों को जन्म देती है। और नई सोच से अपने घर और परिवार को स्वर्ग बनाती है।

(7) एक शिक्षित महिला अपने बड़ों की इज़्ज़त करना भी जानती है और उन्हें गलत चीज़ों और गलत मान्यताओं से भी अवगत कराती है।

(8) जब एक महिला शिक्षित होती है तो उसमें दहेज प्रथा जैसी बुरी चीज़ों को रोकने की क्षमता भी रहती है।

निष्कर्ष (Conclusion) –

शिक्षा जितनी ज़्यादा ज़रूरी पुरूषों के लिए है, उतनी ही ज़्यादा महिलाओं के लिए भी है। बल्कि यह कहेंगे कि एक पुरुष को शिक्षित करने से केवल एक पुरुष ही शिक्षित होगा, लेकिन यदि एक महिला शिक्षित होती है तो उसके द्वारा पूरा परिवार और पूरा समाज शिक्षित होता है और जिसके कारण पूरे राष्ट्र की उन्नति होती है। इसलिए शिक्षा हर तरह से महिलाओं के लिए जरूरी है।

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