गर्मी का मौसम पर निबंध (Essay on Summer Season in Hindi)

Loading

👀 इस पेज पर नीचे लिखा हुआ गर्मी का मौसम पर निबंध (Essay on Summer Season in Hindi) आप को अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए निबंध लिखने में सहायता कर सकता है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयों पर हिंदी में निबंध मिलेंगे (👉 निबंध सूचकांक), जिन्हे आप पढ़ सकते है, तथा आप उन सब विषयों पर अपना निबंध लिख कर साझा कर सकते हैं

गर्मी का मौसम पर निबंध
Essay on Summer Season in Hindi


🌞 गर्मी का मौसम पर निबंध (Essay on Summer Season in Hindi) पर यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

प्रस्तावना

प्रकति ने कई तरह के मौसमों का निर्माण किया है। फिर भी इनमें तीन मौसम मुख्य हैं- गर्मी, सर्दी और वर्षा। ये तीनों मौसम अपना-अपना महत्व रखते हैं। एक मनुष्य इनमें से किसी की भी अधिकता को सहन नहीं कर सकता। इनके संतुलन में रहने से ही हमारे जीवन में सहयोग होता है। लेकिन आज कल जलवायु संतुलन के अस्त-व्यस्त होने से ये मौसम भी बिगड़ जाते हैं। जबकि गर्मी के मौसम में तो तापमान पचास से भी अधिक हो जाता है, जो हमारे शरीर के तापमान से ज्यादा हो जाता है। इसी कारण तेज गर्मी का अहसास होता है। आइये गर्मी के मौसम पर कुछ मूल बातें विस्तार से जानते हैं।

गर्मी के मौसम की स्थिति

भौगोलिक रूप से भारत एक उष्णकटिबंधीय देश हैं। यहाँ गर्मी का स्तर बहुत अधिक होता है और औसत वर्षा भी होती है। गर्मी का मौसम मार्च से जून महीने के बीच माना जाता है। इन चार महीनों में हमें झुलसा देने वाली तीव्र गर्मी का सामना करना पड़ता है। सभी लोगों को बाहर की धूप में जाने में मुश्किलें होती हैं। जब सड़कों पर ट्रैफिक होता है तो लोग और अधिक समस्या का अनुभव करते हैं। वैसे तो इस मौसम में विभिन्न जगहों पर पेयजल की अच्छी व्यवस्था होती है, फिर भी गर्मी से राहत नहीं मिल पाती।

अस्पतालों और क्लिनिक में भी गर्मी के कारण रोगियों को बहुत पीड़ा होती है। अक्सर हम देखते हैं कि तेज गर्मी से लोग बेहोश भी हो जाते हैं। इसीलिये सरकार द्वारा बच्चों और विद्यार्थियों के लिये मई और जून माह की छुट्टियाँ प्रदान की जाती हैं। ताकि उनके स्वास्थय पर बुरा गर्मी का बुरा प्रभाव न पड़े। 

अत्यधिक गर्मी के मुख्य कारण

बढ़ती हुई गर्मी के कई कारण हैं। जिनमें से कुछ निम्म हैं-

  • * वृक्षों का बड़ी संख्या में कटाव- वृक्ष हमें छाया प्रदान करने के साथ-साथ शीतल और स्वच्छ हवा भी देते हैं। इसीलिये पर्याप्त मात्रा में स्थान-स्थान पर वृक्षारोपण के प्रयास किये जाने चाहिए।
  • * हानिकारक गैसों के कारण ओजोन लेयर का क्षरण- यह बहुत महत्वपूर्ण कारक हैं। फैक्ट्रियों, वाहनों, और विद्युत उत्पादों जैसे रेफ्रिजेरेटर, एसी आदि में जो रासायनिक गैसे निकलती हैं। वह वायुमंडल में मौजूद ओजोन लेयर के साथ क्रिया करके उसे कमजोर कर देती हैं। ओजोन लेयर के क्षरण के कारण सूर्य आने वाली से पराबैंगनी किरणें सीधे हमारे शरीर को प्रभावित करती हैं।
  • * अत्यधिक जनसंख्या- बढ़ती आबादी भी इसका एक प्रमुख कारण हैं। अधिक जनसंख्या के कारण ही ट्रैफिक की समस्याएं होती हैं फिर वाहनों से निकलने वाला धुँआ हमें वायु के माध्यम से हानि पहुँचाता है।

तो ये थे कुछ मूल कारण जो गर्मी का स्तर बढ़ा देते हैं। यदि हम इन पर किसी तरह काबू पा लें तो गर्मी का मौसम अपने आप ही संतुलन में आ जाएगा। 

गर्मी से बचाव के उपाय

गर्मी से बचाव के लिये सर्वप्रथम हमें अपने शरीर को संतुलन में करना चाहिए। हमें उचित मात्रा में पानी पीना चाहिए। पसीना आने पर अधिक देर तक गर्मी में काम नहीं करते रहना चाहिए क्योंकि इससे हमें सर्दी और बुखार होने की संभावना हो जाती हैं। पोषण देने वाले फल और सब्जियाँ को ग्रहण करना चाहिए। तला-भुना खाने से परहेज रखना चाहिए। हमें घर से बाहर मास्क पहनकर निकलना चाहिए, जिससे धूल और हानिकारक गैसों से बचाव हो सके। हमें नियमित व्यायाम आदि के द्वारा शरीर की अतिरिक्त उष्मा का भी निष्कासन करना चाहिए और स्वच्छ वातावरण में कुछ समय बिताना चाहिए।

गर्मी के मौसम को पूर्ण रूप से संतुलित करने के लिये हमें प्रकृति के अनुसार अपनी दिनचर्या को ढालना चाहिए। किसी भी ऐसे कार्य को नहीं करना चाहिए, जो प्रकृति के नियमों का उल्लंघन करता हो। यदि हम ऐसा करेंगे तो ही विभिन्न मौसमों के साथ सामंजस्य स्थापित कर पाएंगे। 

उपरोक्त कहे गए मुख्य कारणों का भी हमें हल निकालना होगा। तकनीकों का उपयोग बहुत अच्छा है लेकिन यदि वह पर्यावरण में असंतुलन उत्पन्न करता हो तो त्याज्य है। इसीलिये उद्योगों को पर्यावरण के अनुसार ढालना चाहिए।

उपसंहार

गर्मी का मौसम में हम सभी कुछ परेशानियों का सामना करना पडता है। लेकिन यदि उनसे धैर्यपूर्वक और समझदारी से निपटें तो उनका उचित हल निकाला जा सकता है। सूरज की रोशनी से ही हमें पृथ्वी पर जीवन मिलता है, उसी से वनस्पतियाँ और फसलें उपज पाती हैं। इसीलिये उसके इसके साथ समन्वय बनाए रखना हमारे जीवन के लिये अनिवार्य है।

👉 यदि आपको यह लिखा हुआ गर्मी का मौसम पर निबंध (Essay on Summer Season in Hindi) पसंद आया हो, तो इस निबंध को आप अपने दोस्तों के साथ साझा करके उनकी मदद कर सकते हैं


👉 आप नीचे दिये गए सामाजिक मुद्दे और सामाजिक जागरूकता पर निबंध पढ़ सकते है तथा आप अपना निबंध साझा कर सकते हैं |

सामाजिक मुद्दे और सामाजिक जागरूकता पर निबंध
नयी शिक्षा नीति पर निबंधशिक्षित बेरोजगारी पर निबंध
जीना मुश्किल करती महँगाईपुरानी पीढ़ी और नयी पीढ़ी में अंतर
मानव अधिकार पर निबंधभारत में आतंकवाद की समस्या पर निबंध
भ्रष्टाचार पर निबंधजीवन में शिक्षा का महत्व पर निबंध

विनम्र अनुरोध:

इस प्रकार गर्मी का मौसम पर निबंध (Essay on Summer Season in Hindi) पूरा होता है। हमने पूरी कोशिश की है कि इसमें किसी प्रकार की गलती न हो। फिर भी यदि भूलवश कोई त्रुटि हो गई हो तो आप अपने सुझाव हमें ईमेल कर सकते हैं। भविष्य में इसी प्रकार हम आपको गर्मी का मौसम जैसे विभिन्न विषयों पर उच्च गुणवत्ता के, सुपाठ्य और सरल हिंदी निबंध प्रदान करते रहेंगे।

Leave a Comment