(रजिस्ट्रेशन) आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 2022: ऑनलाइन आवेदन, एप्लीकेशन फॉर्म
(Atmanirbhar Bharat Rozgar Yojana)
आत्म निर्भर भारत अभियान क्या?
वैश्विक कोरोना महामारी के कारण विश्व भर की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ चुकी थी। इसका असर भारत में भी बड़े पैमाने पर लगाए गये लॉकडाउन से बढ़ता जा रहा था। इसीलिये भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये आत्मनिर्भर भारत योजनाओं का आरम्भ किया। समय के साथ साथ Aatmnirbhar Bharat 2.0 तथा Aatmnirbhar Bharat 3.0 को भी शुरु किया गया। आइये जानते हैं इस योजना के संबंध में सभी आवश्यक बातें व इसकी आवेदन प्रक्रिया आदि चीजें भी।
आत्मनिर्भर भारत अभियान की योजनाएं देश को तकनीकी, कृषि फर्टीलाइजर्स, व्यवसाय, मेडिकल, रक्षा तथा अन्य विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने के लिये शुरु की गयी हैं। 12 मई 2020, जब सारी दुनिया कोविड-19 का सामना कर रही थी, हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने राहत पैकेजों की घोषणा के दौरान आत्मनिर्भर भारत का विचार जनता के समक्ष रखा। एक ओर जहाँ इन योजनाओं के तहत लाभ लेने वालों की आय में वृद्धि होगी वहीं इससे देश की आर्थिक स्थिति को भी नई ऊँचाई मिलेगी साथ ही हजारों लोगों के लिये रोजगार के नये अवसर भी पैदा हो सकेंगे।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में भी कई क्षेत्रों जैसे रक्षा क्षेत्र, तकनीकी क्षेत्र, कृषि आदि में देश को आत्मनिर्भरता की राह दिखाई। आधुनिक हथियारों का भारत में ही निर्माण करना, डिजीटल इंडिया व बैंक खातों से देश का तकनीकी विकास करना तथा गरीबों व किसानों के लिये शुरु की गईं कल्याणकारी योजनाएं इसके उल्लेखनीय उदाहरण हैं।
आत्म निर्भर भारत अभियान क्यों?
- अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास के लिये
- वैश्विक अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा बनाने के लिये
- देश के इंफ्रास्ट्रकचर को आधुनिक व बेहतर करने के लिये
- बड़ी मात्रा में देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिये
- सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों के प्रगति के लिये
- गरीबों, श्रमिकों और किसानों की कल्याण लिये
- अधिकाधिक स्वउत्पादन को बढ़ावा देने के लिये।
- आयात व निर्यात के बड़े फासले के दूर करने के लिये।
- मेक इन इंडिया को और अधिक बूस्ट देने के लिये।
- बाहरी निवेश को प्रेरित करने के लिये।
इतिहास की दृष्टि से आत्म निर्भर भारत अभियान
मूल रूप से आत्मनिर्भर भारत की यह अवधारणा भारत में बहुत समय पहले से मौजूद है। अंग्रजों के समय स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग व विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार में भी हमें आत्मनिर्भर भारत के सपने की झलक मिलती है। उस समय ‘स्वदेशी’ नाम से आत्मनिर्भरता जाना गया। स्वंतत्रता आंदोलनों के समय महात्मा गाँधी, रवींद्रनाथ टैगोर और अन्य कई लोगों ने भी देश को आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया।
आत्म निर्भर भारत अभियान के पाँच स्तंभ
अर्थव्यवस्था(Economy), बुनियादी ढ़ाँचा(INFRASTRUCTURE), प्रोद्योगिकी(Technology), गतिशील जनसंख्यिकी(Vibrant Demography), माँग(Demand)।
अर्थव्यवस्था(Economy)- देश की तीव्र गतिशील अर्थव्यवस्था को सही दिशा में ले जाना व उसे मजबूत करना।
बुनियादी ढ़ाँचा(INFRASTRUCTURE)- देश के INFRASTRUCTURE को सुगम व आधुनिक बनाना जिससे वैश्विक स्तर पर भारत अन्य लोगों के लिये एक आकर्षक निवेश का स्थान बन सके।
तकनीक(Technology)- तकनीकी दृष्टि से सशक्त व सक्षम होना उज्जवल भविष्य के लिये महत्वपूर्ण स्तंभ है।
गतिशील जनसांख्यिकी(Vibrant Demography)- विश्व की 17-20% आबादी का देश विश्व के लिये एक बड़ा बाजार है।
माँग(Demand)- देश की demand तथा supply capacity का अधिकतम उपयोग यानि आयात व निर्यात दोनों का अपने हित के लिये उपयोग।
आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत शुरु हुई योजनाएँ
वर्ष 2020 से आत्मनिर्भर भारत योजनाओं के तीन चरण आरंभ किये जा चुके हैं। पहला चरण कोरोना महामारी के समय मई 2020 में, दूसरी चरण सितंबर 2020 तथा तीसरा चरण 3.0 उसी वर्ष नवंबर महीने में लांच किया गया था। इनमें कृषि से लेकर स्टार्टअप्स, व्यापार से लेकर तकनीक व रक्षा क्षेत्रों आदि सभी के लिये योजनाएं हैं।
आत्म निर्भर भारतअ भियान 3.0 के अंतर्गत आने वाली योजनाएँ
नवंबर 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 की योजनाओं को आरंभ किया गया है। वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने इसे लांच किया तथा आवश्यक बिंदुओं की जानकारी दी है। मुख्य रूप से कुल 12 योजनाओं आत्मनिर्भर भारत अभियान के तीसरे चरण 3.0 में सम्मिलित हैं। इस चरण का बजट 265080 करोड़ रुपये है।
पिछले चरणों की भाँति ही इस चरण में देश के बुनियादी ढाँचे(Infrastructure), कृषि व कृषि उत्पाद, कोविड 19 के क्षेत्र में शोध कार्यों, आवास योजना का विस्तारीकरण आदि तथा व्यवसायों और निवेश आदि से संबधित भी कुछ योजनाएं हैं।
आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत संगठित क्षेत्रों में युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके साथ ही अधिकाधिक लोगों को कर्मचारी भविष्य निधि का हिस्सा बनाया जाएगा। केवल EPFO में registred संस्थाएं ही इस योजना से अपने कर्मचारियों को जोड़ सकेंगे। 1000 से कम कर्मचारियों वाली संस्था में कर्मचारी के हिस्से का 12 प्रतिशत तथा रोजगार दाता का भी 12 प्रतिशत कुल 24 प्रतिशत केंद्र सरकार योगदान देगी। दो वर्ष पर्यन्त यह योजना चलाई जाएगी।
आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के भाग
भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तीन भाग किये हैं जिनमें राज्यों की स्थिति व कार्य को देखकर अलग अलग मदद मुहैया कराई जाएगी।
- पहले भाग में उन राज्यों के लिये 200 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं जो उत्तर पूर्व के हिस्से में स्थित हैं। जबकि असम की जनसंख्या व क्षेत्रीय विस्तार को ख्याल में रखते हुए 450 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।
- दूसरे भाग में उन राज्यों को शामिल किया है जिन्हें पहले भाग में स्थान नहीं मिला। इन राज्यों के लिये 7500 करोड़ रुपये का धन आवंटित होगा।
- तीसरे भाग में कोई विशेष राज्य शामिल नहीं हैं। इस भाग की आवंटित राशि 2000 करोड़ रुपये हैं जो उन राज्यों को दी जाएगी जो अपने राज्य में निम्न चार योजनाएं ठीक प्रकार लागू करते हैं- वन नेशन वन राशन, ईज ऑफ डूइंग बिजनिस रिफॉर्म्स, यूटिलिटी रिफॉर्म्स तथा पब्लिक सेक्टर रिफॉर्म्स।
योजना | आत्मनिर्भर भारत योजना 3.0 |
वर्ष | 2021-2022 |
आरम्भ हुई | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा |
किसके लिये | मुख्य रूप से देश के गरीब, मध्यमवर्गीय व निम्नवर्गीय लोगों व मजदूरों तथा किसानों के लिये |
उद्देश्य | देश की अर्थव्यवस्था व लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना |
श्रेणी | केंद्र सरकार की योजनाओं का हिस्सा |
बेवसाइट | aatmanirbharbharat.mygov.in |
कुल चरण | तीन चरण- 1.0, 2.0, 3.0 |
आवेदन का प्रकार | बेवसाइट पर उल्लिखित |
सर्वप्रथम संज्ञान में आयी | 12 नवम्बर 2020 |
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की समय सीमा का बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया गया है।
आत्म निर्भर भारत अभियान 2.0 के अंतर्गत आने वाली योजनाएँ
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत संगठित क्षेत्रों में युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके साथ ही अधिकाधिक लोगों को कर्मचारी भविष्य निधि का हिस्सा बनाया जाएगा। केवल EPFO में registred संस्थाएं ही इस योजना से अपने कर्मचारियों को जोड़ सकेंगे। 1000 से कम कर्मचारियों वाली संस्था में कर्मचारी के हिस्से का 12 प्रतिशत तथा रोजगार दाता का भी 12 प्रतिशत कुल 24 प्रतिशत केंद्र सरकार योगदान देगी। दो वर्ष पर्यन्त यह योजना चलाई जाएगी।
हाउसिंग फॉर ऑल (शहरी)- प्रधानमंत्री आवास योजना को आगे बढ़ते हुए ही 18000 करोड़ रुपये की राशि शहरी आवासों के लिये आवंटित किये गए हैं। इस योजना के मुताबिक 12 लाख घरों का नवनिर्माण तथा करीब 18 लाख घरों का अधूरा छूटा कार्य पूरा कराया जाएगा। गौरतलब है कि इससे मजदूर वर्ग के लोगों को भी लगभग 78 लाख से अधिक नोकरियाँ प्राप्त होंगी।
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम- इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की समय सीमा का बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया गया है। इसका योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों के लिये लोन प्रदान करना है जो अपना व्यवसाय शुरु करना चाहते हैं या एमएसएमई के तहत किसी व्यव्साय हेतु लोन लेना चाहते हैं। अब तक करीब 61 लाख लोगों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये को लोन दिये जा चुके हैं।
बूस्ट फॉर आत्मनिर्भर मैन्यूफैक्चरिंग- टेक आदि विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता लाने के लिये 145980 करोड़ रुपयों का उपयोग मैन्यूफैक्चरिंग का अधिक गति देने के लिये किया जाएगा।
सपोर्ट फॉर एग्रीकल्चर- देश भर के करोड़ों किसानों को खेती में सहायता प्रदान करने के लिये 65000 करोड़ रुपयोंं का आवंटन हुआ है। इनका उपयोग किसानों तक उर्वरक खाद पहुँचाने के लिये किया जाएगा।
RD ग्रांट फॉर COVID सुरक्षा-इंडियन वैक्सीन डेवलपमेंट- कोविड-19 वायरस के संबंध में रिसर्च के लिये बना कोविड सुरक्षा मिशन ऑफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिये 900 करोड़ रुपयों की राशि दी जाएगी। बायो टैक्नोलोजी डिपार्टमेंट को ये राशि प्रदान की जाएगी। इससे न केवल कोविड महामारी की अनजानी बातें हमें पता चलेंगी बल्कि कोविड के विभिन्न वैरियंट से भी बचने का मार्ग निकलेगा।
बूस्ट फॉर रूरल एंप्लॉयमेंट- रूरल एरिया में रोजगार की स्थिति अच्छी करने के लिये 10000 करोड़ रुपयों का आवंटन हुआ है। जिसके तहत जिन लोगों की लॉकडाउन के दौर में नौकरी छूट गयी है या ताजा बेरोजगार है उनके लिये रोजगार की उपलब्धता कराई जाएगी। मुख्य रूप से मध्यवर्गीय व निम्न वर्गीय लोगों को इससे राहत मिलेगी।
इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्रियल इंसेंटिव एंड डोमेस्टिक डिफेंस इक्विपमेंट- देश के बुनियादी ढाँचे को मजबूती प्रदान करने के लिये संबंधित कंपनियों के पास काम करने के लिये पूंजी की बढ़त होगी। सरकार ने परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को कम 3 प्रतिशत तक कम करके तथा टेंडर भरने के लिये EMD की आवश्यकता को दरनिकार करके राहत दी है। इसके लिये सरकार ने 10200 करोड़ रुपये निर्धारित किये हैं।
बूस्ट फॉर प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट्स- देश के एक्सपोर्ट्स में गति देने के लिये करीब 811 एक्सपोर्ट्स कांन्ट्रेक्ट्स को फंड दिया जा रहा है। इसके साथ ही परियोजनाओं के एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिये एक्सिमबेंक को 3000 करोड़ रुपये की फाइनेंशियल हेल्प दी जाएगी। प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट्स की बात करें तो इसमें रेलवे से लेकर पावर और रोड ट्रांसमिशन से ट्रांसपोर्ट के प्रोजेक्ट शामिल हैं।
बूस्ट फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर- इस स्कीम के तहत प्रमुख शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बूस्ट करने के लिये 6000 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर की यह योजना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर से भिन्न है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान 2.0 के अंतर्गत आने वाली योजनाएं
- फेस्टिवल एडवांस- इस स्कीम के तहत एसबीआई उत्सव कार्ड लाखों की संख्या में दिये जा चुके हैं।
- एलटीसी कैश वाउचर स्कीम- कैश वाउचर स्कीम के तहत भी देश की आर्थिक स्थिति में आंशिक योगदान देखने को मिला है।
- फेस्टिवल एडवांस– फेस्टिवल एडवांस स्कीम के अंतर्गत एसबीआई उत्सव कार्ड सभी लाभार्थियों को दिए जा चुके हैं।
- देश की सड़क यातायात मंत्रालय को तथा रक्षा मंत्रालय को 25000 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न खर्चों के लिये प्रदान की गई है।
- देश भर के 11 राज्य को मुख्यत: उनकी राजधानी के विकास हेतु 3621 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है।
आत्म निर्भर भारत अभियान 1.0 में सम्मिलित योजनाएं
वन नेशन वन राशन कार्ड– इस योजना से समस्त भारत के लोग अपने राशन कार्ड किसी भी राशन केंद्र से एक बार राशन खरीद सकते हैं। जरूरी नहीं कि आप अपने स्थानीय राशन केंद्र से ही खरीदें। वन नेशन वन राशन कार्ड सभी राज्यों के साथ-साथ केंद्रशासित प्रदेशों में भी कार्य करता है।
पीएम सवनिधि योजना– इसके अतंर्गत 1373 करोड़ रुपये के लोन स्ट्रीट वेंडर को दिये गए हैं जिससे वे अपनी आजीविका हेतु कुछ व्यवसाय शुरु कर सकें। सभी 30 राज्यों तथा 6 केंद्रशासित प्रदेशों में यह योजना चालू है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना– इस योजना के तहत 157.44 लाख किसानों 143262 करोड़ रुपये का कृषि लोन दिया गया है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना– इस योजना के तहत मत्स्य पालकों को 1680 करोड़ रुपयों के लोन प्रदान किया गया है।
आपातकाली नवर्किंग कैपिटल फंडिग– नाबार्ड के द्वारा किसानों के खातों में 25000 करोड़ रुपयों से अधिक राशि वितरित की गई है।
इसीलजीएस 1.0- इसके तहत 2 लाख करोड़ रुपयों से अधिक की राशि कुल 61 लाख लोगों को दी जा रही है।
पार्शियल क्रेडिट गारंटी स्कीम 2.0- इस स्कीम के तहत पब्लिक सेक्टर बैंक पोर्टफोलियो को खरीदने के लिये करीब 27000 करोड़ रुपयों की मंजूरी दे चुका है।
स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम– इस स्कीम के तहत 7227 करोड़ रूपये NBFC व HAFC के माध्यम से वितरित किये गए हैं।
लिक्विडिटी इंजेक्शन फॉर डिस्कम्स– इसके तहत 118273 करोड़ रुपयों को लोन अप्रूव किया जा चुका हैं। जिनमें से 31136 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये जा चुके हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर भारत के उल्लेखनीय कदम
- सूक्ष्म या माइक्रो इकाई व्यवसायों में निवेश की सीमा वार्षिक 1 करोड़ रुपये तथा टर्नओवर 5 करोड़ रुपये होना चाहिए। इसी प्रकार लघु इकाई में निवेश की सीमा 10 करोड़ रुपये तक तथा टर्नओवर 50 करोड़ रुपये होना चाहिए। वहीं मध्यम इकाई व्यवसायों के लिये निवेश की सीमा 50 करोड़ रुपये तथा टर्नओवर 250 करोड़ निर्धारित की है।
- कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान एक ओर जहाँ आत्मनिर्भर भारत के लिये विभिन्न योजनाएं गतिमान थी वहीं देश में अन्न का भी सही मात्रा में distribution करना एक चुनौती थी। सरकार ने इसके लिये देश की जनता को पर्याप्त मात्रा में अन्न देकर उनके आर्थिक हालात व जीवन को भी संभाला है।
- फ़ण्ड ऑफ़ फ़ण्ड्स के माध्यम से एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की पूँजी लगाए जाने को स्वीकृति दी गई है। एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन कार्यशील पूँजी सुविधा दी गई है।
- प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2020 में ही तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाते हुए ‘ऐप इनोवेशन चैलेंज’ भी आरंभ किया था। इस एप इनोवेशन चैलेंज को स्लोगन है ‘भारत में भारत और विश्व के लिए बनाओ’ (Make in India for India and the World)
- आत्मनिर्भर भारत का मंत्र को साथ लेकर आज भारत विश्व में पीपीई किट का दूसरा सबसे बड़ी उत्पादक देश बन गया है। कोरोना के समय भारत ने अपने साथ साथ विश्व के लिये भी पीपीई किट तथा वेंटिलेटर्स का रिकॉर्ड संख्या में उत्पादन व निर्यात किया था।
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रगति देने के लिये रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 101 ऐसे रक्षा उपकरणों व हथियारों के आयात पर रोक लगा दी है जिन्हें अब भारत में निर्मित करना संभव है।
- ऊपर वर्णित योजना पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत फेरी वालों तथा इसी प्रकार के छोटे उद्योग वाले लोगों को सरकार 10,000 रूपये का ऋण प्रदान कर रही है। इससे उन्हें अपना व्यवसाय या काम फिर से शुरु करने या बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि वे लोग अपनी आजीविका खुद कमा पाएं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिये आवेदन करने की प्रक्रिया
- पाठकों सबसे पहले आपको भारत सरकार द्वारा लांच की गयी आत्मनिर्भर भारत अभियान की Official Website पर जाना है।
- Screen पर Website का home page खुलेगा।
- इसके बाद आप दाँयी ओर ऊपर कोने में दिख रहे Register पर क्लिक करें(जैसा कि चित्र में हमने काले घेरे में दर्शा दिया है)।
- Register पर क्लिक करने पर आपके सामने एक form खुलकर आएगा। फॉर्म में अपनी सारी आवश्यक जानकारियाँ भरने के बाद Create new account पर क्लिक करते ही आपका account बन जाएगा। आप चाहें तो ये फॉर्म किसी नजदीकी जन सेवा केंद्र से भरा सकते हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अकाउंट में लॉगिन करने की प्रक्रिया
- अकाउंट बनाने के बाद लॉगिन करने के लिये फिर से आप Official Website पर जाएं।
- Home page पर ऊपर दाँयी ओर आपको Login का option दिखाई देगा। Login पर क्लिक करें।
- अब आपने अकाउंट बनाते समय जिस ईमेल या फोन नं का उपयोग किया था उसे भरें और अपना पासवर्ड भी भरें। आप चाहें तो अपने पहले से बने हुए सोशल अकाउंट जैसे फेसबुक, गूगल का उपयोग करके भी लॉगिन कर सकते हैं।
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